-कांग्रेस की पहली लिस्ट में 63 प्रत्याशियों का ऐलान

-हरदा दो सीट पर लडे़ंगे, किशोर सहसपुर पहुंचे

-कैंट में हरबंश कपूर को टक्कर देंगे धस्माना

DEHRADUN: टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस में जिस तरह की तनावपूर्ण स्थिति अभी तक महसूस की जा रही थी, रविवार को पहली लिस्ट के जारी होते ही वह हकीकत में तब्दील हो गई। म्फ् सीटों पर टिकट बंटते ही कांग्रेस में भूचाल आ गया। पार्टी टकराव के रास्ते पर आगे बढ़ गई। टकराव का सबसे बड़ा केंद्र बना पार्टी का स्टेट हेडक्वार्टर, जहां पर दावेदारों के समर्थकों ने तोड़ फोड़ की। कैंट और सहसपुर के सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी से लेकर हरीश रावत और किशोर उपाध्याय तक के बैनर-पोस्टर फाड़ डाले। सहसपुर से दावेदार आर्येद्र शर्मा और कैंट के नवीन बिष्ट के समर्थकों ने कई घंटों तक हेडक्वार्टर पर बवाल काटा। कुछ लोगों के चोटिल होने की भी खबरें आई। सबसे बड़ा विरोध पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय के टिकट को लेकर रहा, जिन्हें पार्टी ने सहसपुर सीट से प्रत्याशी बनाया है। हालांकि पार्टी के बडे़ नेता अब डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं।

किच्छा और हरिद्वार ग्रामीण से हरदा

सीएम हरीश रावत के दो जगह से चुनाव लड़ने की चर्चाएं एकदम सही साबित हुई हैं। कुमाऊं की तराई क्षेत्र की किच्छा और गढ़वाल मंडल की हरिद्वार ग्रामीण सीट पर सीएम हरीश रावत कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे। हालांकि ये माना जा रहा था कि हरीश रावत अपने लिए एक पर्वतीय और दूसरा मैदानी क्षेत्र की सीट को चुनेंगे। हरिद्वार ग्रामीण सीट पर उनकी बेटी अनुपमा रावत ने खूब तैयारी की थी। राज्य निर्माण के बाद ये पहली बार होगा कि कोई नेता एक साथ दो सीटों पर चुनाव लडे़गा।

सभी सिटिंग एमएलए को टिकट

कांग्रेस ने अपने सभी ख्भ् सिटिंग एमएलए को टिकट दे दिए हैं। इस बात की पहले दिन से ही संभावना प्रकट की जा रही थी, कि किसी भी सिटिंग एमएलए का टिकट नहीं कटेगा। हालांकि ये कयास लगाए जा रहे थे कि एकाध सिटिंग एमएलए को इधर से उधर शिफ्ट किया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।

बीजेपी के बागियों को लपका

बागियों को टिकट देने के मामले में कांग्रेस हालांकि बीजेपी की बराबरी नहीं कर पाई है, लेकिन उसने तीन बागियों को टिकट देकर बीजेपी को जवाब देने की कोशिश जरूर की है। कोटद्वार सीट पर टिकट न मिलने से नाराज शैलेंद्र सिंह रावत को नजदीकी यमकेश्वर सीट से टिकट दिया गया है। इसी तरह, सुरेश चंद्र जैन को प्रदीप बत्रा के खिलाफ टिकट दिया गया है। पुरोला सीट पर बीजेपी के पूर्व विधायक राजकुमार पर पार्टी ने दांव खेला है।

सहसपुर में सिर मुंडाते ही ओले

दून की सहसपुर सीट पर पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय को मैदान में उतरते ही विरोध झेलना पड़ रहा है। पीसीसी चीफ की सीट को लेकर पार्टी शुरू से दुविधा में रही। उनकी परंपरागत टिहरी सीट रही है। पहले उन्होंने वहीं से ताल ठोकने का ऐलान किया था, लेकिन बाद में उनकी चर्चा ऋषिकेश सीट को लेकर हुई। मगर टिकट सहसपुर में फाइनल किया गया।

7 सीटों पर क्यों है वेटिंग

कांगे्रस ने 7 सीटों को वेटिंग पर रखा है। ये सीटें हैं दून की रायपुर, टिहरी, धनोल्टी, बागेश्वर, सोमेश्वर, जसपुर और गदरपुर। इन 7 सीटों में से ख् सीटें टिहरी और धनोल्टी के साथ पीडीएफ फैक्टर जुड़ा हुआ है। टिहरी से दिनेश धनै और धनोल्टी से प्रीतम सिंह पंवार चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस इन सीटों पर प्रत्याशी उतारने से भी बच सकती है। इसके अलावा, रायपुर, जसपुर और सोमेश्वर ऐसी सीटें ऐसी हैं, जहां पर बीजेपी ने कांग्रेस के बागी पूर्व विधायकों उमेश शर्मा काऊ, शैलेंद्र मोहन सिंघल और रेखा आर्य को मैदान में उतारा है। पार्टी इनके खिलाफ मजबूत प्रत्याशी तलाश रही है। बागेश्वर और गदरपुर सीटों पर टिकट के लिए पार्टी के झगडे़ काफी ज्यादा हैं। माना ये भी जा रहा है कि इनमें से कुछ सीटों पर बीजेपी के असंतुष्टों को भी कांग्रेस टटोल रही है।

दो सीटों पर महिला कोटा खत्म

कांग्रेस ने इस बार के चुनाव में दो सीटों पर महिलाओं के लिए अघोषित तौर पर जारी कोटा खत्म कर दिया है। यमकेश्वर और केदारनाथ सीटों पर इस बार पुरुष प्रत्याशी मैदान में उतारे गए हैं। यमकेश्वर में सरोजनी कैंत्युरा पार्टी प्रत्याशी रहती थीं, लेकिन इस बार शैलेंद्र सिंह रावत को टिकट दिया गया है। इसी तरह, शैला रानी रावत के बीजेपी में आ जाने के बाद कांग्रेस ने इस सीट पर मनोज रावत को टिकट दिया है।

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कांग्रेस के लिए ये समय चुनौतीपूर्ण है, इसलिए मैंने उन दो जिलों की दो सीटों से चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जहां पर सबसे ज्यादा सीटें हैं। जहां तक कइयों के टिकट कटने का सवाल है, तो क्970 में मेरा भी टिकट कटा था, लेकिन क्980 में मुझे घर बैठे टिकट मिल गया था।

-हरीश रावत, मुख्यमंत्री।

-पार्टी हाईकमान ने हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए टिकट बांटे हैं। जिन लोगों को शिकायत है, वह कोई दूसरा माध्यम भी अपना सकते थे। तोड़ फोड़ को कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है। तोड़ फोड़ में जो लोग शरीक रहे हैं, उन्हें मैने आज से पहले कभी कांग्रेस भवन में नहीं देखा।

-किशोर उपाध्याय, पीसीसी चीफ।

-सीएम हरीश रावत का अपनी पुरानी सीट को छोड़कर दो जगह से चुनाव लड़ना साबित करता है कि कांग्रेस हार की तरफ बढ़ रही है। पीसीसी चीफ खुद अपनी पुरानी सीट से नहीं लड़ रहे हैं। कांग्रेस भवन में तोड़फोड से पता चलता है कि पार्टी बिखराव की तरफ बढ़ रही है।

-डॉ। देवेंद्र भसीन, मीडिया प्रभारी, बीजेपी।