RANCHI : रांची के केबुल ऑपरेटर्स को जिला प्रशासन के आदेशों की भी कोई परवाह नहीं है। डीसी विनय कुमार चौबे ने सभी केबुल ऑपरेटर्स को अपने ऑर्गनाइजेशन से रिलेटेड डिटेल्ड बताने के लिए एक महीने पहले लेटर लिखा था, पर एक भी केबुल ऑपरेटर ने अबतक इस बाबत कोई जानकारी नहीं दी है। ऐसे में जिला प्रशासन फिर से सभी केबुल ऑपरेटर्स को रिमांडर भेजने की तैयारी कर रही है। गौरतलब है कि यहां डेन, मंथन और जीटीपीएल प्रमुख केबुल ऑपरेटर हैं।

केबुल टीवी से संबंधित डाटा अवेलेबल नहीं

रांची में केबुल टीवी के कितने सब्सक्राइबर्स हैं, इसका डाटा जिला प्रशासन के पास नहीं है। कौन केबुल ऑपरेटर किस एरिया में काम कर रहा है, इस बाबत भी डीसी ऑफिस को कोई जानकारी नहीं है। इसके अलावा केबुल ऑपरेटर्स ने कितने सेट टॉप बॉक्स लगाएं हैं, इसका आंकड़ा भी प्रशासन को उपलब्ध नहीं कराया गया है। ऐसे में केबुल टीबी के सब्सक्राइबर्स और उनके द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे सेट टॉप बॉक्स की जानकारी लेने के लिए जिला प्रशासन ने केबुल ऑपरेटर्स को लेटर लिखा है।

केबुल ऑपरेटर्स की मनमानी

जिला प्रशासन के पास केबुल टीवी से संबंधित डाटा नहीं होने से केबुल ऑपरेटर्स मनमानी कर रहे हैं। जिले के अरबन और रूरल एरियाज में केबुल कनेक्शन का कोई रेट फिक्स नहीं है। सब्सक्राइबर्स को देखकर वे केबुल कनेक्शन का रेट फिक्स करते हैं। एक ही मोहल्ले में अगल-बगल वाले घर का अलग-अलग रेट होने की भी बात सामने आई है। इतना ही नहीं, केबुल ऑपरेटर्स इस बाबत कोई रसीद भी नहीं देते हैं, जिस कारण रेवेन्यू का नुकसान सरकार को हो रहा है। टीवी पर कौन-कौन चैनल चलेगा, यह भी केबुल ऑपरेटर्स की मर्जी पर निर्भर करता है।

आखिर कहां करे कंप्लेन?

केबुल ऑपरेटर्स के मनमाना रवैया के खिलाफ कहां कंप्लेन किया जाए, सब्सक्राइबर्स को यह जानकारी नहीं है। केबुल कनेक्शन के घंटों तक कटे रहने और ज्यादा रेट लेने को लेकर सब्सक्राइबर्स चाहकर भी कंप्लेन नहीं कर पा रहे हैं। रांची के कई एरियाज से यह भी शिकायत आई है कि सेट टॉप बॉक्स लगाने के लिए मनमाना पैसा केबुल ऑपरेटर्स ले रहे हैं। दूसरी ओर केबुल ऑपरेटर्स का कहना है कि केबुल टीवी के लिए जिला प्रशासन ने कोई भी रेगुलेशंस नहीं बनाया है। हमें कोई भी गाइडलाइन नहीं दिए गए हैं। ऐसे में हम क्या कर सकते हैं।