-जिला सहकारी बैंक के खातों पर आयकर विभाग की नजर

-मेरठ में हजारों खाताधारकों ने 8 नवंबर के बाद चुकाया लोन

आई एक्सक्लूसिव

अखिल कुमार

Meerut: नोटबंदी के बाद कालाधन से बैंक का लोन चुकाने वालों पर इनकम टैक्स ने शिकंजा कस दिया है। विभाग ने ऐसे लोनधारकों से पूछा है कि 'एकाएक उनके पास इतना पैसा कहां से आया?' बड़े पैमाने पर डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक के खाताधारकों ने नोटबंदी के बाद अपना लोन चुकता किया है। इनकम टैक्स विभाग ने एलआईसी में भी दस्तावेज खंगाले हैं।

जमा हुआ कालाधन

आयकर विभाग के मुताबिक मेरठ के हजारों खातों में नोटबंदी के बाद लोन की अदायगी के नाम पर कालाधन जमा किया गया है। सर्वाधिक खाते डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक से संबंधित हैं। 25 लाख या उससे अधिक के लोन को नोटबंदी के बाद कैश चुकाने वालों पर विभाग ने शिकंजा कस दिया है।

भेजे गए नोटिस

नोटिस भेजकर विभाग ने ऐसे लोनधारकों से पूछा है कि 'आखिर एकाएक वो इतनी रकम कहां से लाए हैं.' विभाग का मानना है कि ये रकम कालाधन है जिसे ठिकाने लगाने के इरादे से लोन की अदायगी कर दी गई। रकम के स्रोत को स्पष्ट न कर पाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

खंगाली गई फाइलें

सूचना के आधार पर पिछले दिनों आयकर विभाग ने एलआईसी की फाइलें भी खंगाली हैं। सूचना थी कि नोटबंदी के बाद कालेधन से लोगों ने जीवन बीमा निगम को पॉलिसी की किस्तें अदा की हैं। बड़े पैमाने पर कालेधन की खपत की सूचना था हालांकि जांच में आयकर विभाग को यहां से ऐसा कुछ नहीं मिला है।

हर लेनदेन पर है नजर

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि नोटबंदी के बाद बड़े पैमाने पर जिन मदों में नकदी खर्च की गई है वे सब रडार पर हैं। आयकर विभाग ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि बड़े लेनदेन और बकाएदारों की सूची मुहैया करा दें।