डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के बच्चा वार्ड में बिना ब्लड ग्रुप लिखा खून बच्चों को चढ़ाया गया

बड़ी लापरवाही पर हॉस्पिटल ने आईएमए पर ठीकरा फोड़ा, बच्चों की जान से खिलवाड़

BAREILLY:

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के बच्चा वार्ड में मासूमों की जिंदगी संग खिलवाड़ करने का मामला उजागर हुआ।

वेडनसडे को वार्ड में हॉस्पिटल प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही उजागर हुई। वार्ड में खून की कमी से जूझ रही दो मासूमों को जिस ब्लड बैग से खून चढ़ाया जा रहा था, उसमें ब्लड ग्रुप और एक्सपायरी की तारीख ही नहीं थी। मासूमों के परिजनों को भी नहीं मालूम था कि उनके कलेजे के टुकड़े को जो खून चढ़ाया जा रहा, वह आखिरकार समान ब्लड ग्रुप का ही है या नहंी। वहीं बिना ब्लड ग्रुप पहचाने मासूमों को खून चढ़ाने के मामले में वार्ड के स्टाफ समेत हॉस्पिटल प्रशासन ने भी हाथ खड़े कर दिए।

मुश्किलों से मिला खून

फरीदपुर निवासी रजनीश व वाइफ बीरबाला की 10 महीने की बेटी यशिका की कुछ दिनों से तबीयत खराब चल रही थी। परिजनों ने वेडनसडे को बच्चा वार्ड में मासूम को एडमिट कराया। डॉक्टर ने एनीमिया बताया और खून चढ़ाने की जरूरत बताई। पिता आईएमए से संपर्क कर एक यूनिट खून लाया जो बच्ची को चढ़ा दिया गया। वहीं मीरगंज निवासी रूम सिंह व वाइफ ऊषा की 4 साल की बेटी नन्ही को भी एनीमिया की शिकायत थी। परिजनों का अपना खून कमजोरी के चलते काम न आया। इन्होंने भी आईएमए से मदद ली और ब्लड बैग लेकर बच्ची को खून चढ़वाया।

आईएमए पर उठाए सवाल

नियमानुसार ब्लड बैग में मरीज का नाम, ब्लड ग्रुप और एक्सपायरी की तारीख लिखी होनी चाहिए। इससे मरीज को किसी अन्य ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाने की आशंका नहीं रहती। लेकिन ब्लड ग्रुप न लिखा होने पर खतरा पैदा हो जाता है। ए पॉजीटिव ब्लड ग्रुप वाले मरीज को बी, ओ या एबी ब्लड ग्रुप का खून चढ़ सकता है। दूसरे ग्रुप का खून चढ़ाने से मरीज की जान जा सकती है। वार्ड में बच्चों को बिना ब्लड ग्रुप और एक्सपायरी डेट वाला खून चढ़ाने पर हॉस्पिटल ने आईएमए को दोषी ठहराया है। स्टाफ ने भी पहले भी हो चुके ऐसे मामलों के लिए आईएमए को जिम्मेदार बताया।

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हमारे ओर से दिए गए ब्लड बैग में रिकार्ड का पूरा ख्याल रखा जाता है। ब्लड बैग में दो स्लिप होती हैं। एक स्लिप में सारी जानकारी दी गई थी। हॉस्पिटल की ओर से पहले ही इन्फॉर्म किया जाना चाहिए था। - डॉ। अंजू उप्पल, डाइरेक्टर आईएमए ब्लड बैंक

मैं लखनऊ से देर शाम पहुंची हूं। मामले की जानकारी मुझे नहीं है। वार्ड में स्टाफ व डॉक्टर से बात कर मामले की वजह पूछी जाएगी। बैग पर बिना स्लिप लगा खून नहीं चढ़ाया जा सकता। - डॉ। परवीन जहां, सीएमएस