- कोरोनेशन, गांधी शताब्दी और प्रेमनगर हॉस्टिल को मिलकर बनाया जाएगा जिला अस्पताल

- कोरोनेशन में होगा मुख्य ऑफिस, कुछ डिपार्टमेंट गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में होंगे शिफ्ट

DEHRADUN: दो साल के भीतर दून को जिला अस्पताल मिल जाएगा। जिला अस्पताल के लिए शासन ने कवायद तेज कर दी है। हाल ही में सीएम ने दून में जिला अस्पताल बनाने की घोषणा की थी। मुख्य रूप से कोरोनेशन अस्पताल को ही जिला अस्पताल में तब्दीलल किया जाएगा। इसके साथ ही गांधी शताब्दी आई हॉस्पिटल और सीएचसी प्रेमनगर जिला हॉस्पिटल की सैटेलाइट विंग के रूप में काम करेंगे।

ऐसी होगी व्यवस्था

कोरोनेशन अस्पताल को मुख्य रूप से जिला अस्पताल बनाने की योजना है। यहां 200 बेड की व्यवस्था की जाएगी और ज्यादातर विभाग भी इसी में रहेंगे। आंख सहित कुछ अन्य विभागों को गांधी शताब्दी हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जाएगा। इस हॉस्पिटल में 100 बेड की व्यवस्था की जाएगी। सीएचसी प्रेमनगर जिला हॉस्पिटल के एक अन्य सैटेलाइट विंग के रूप में काम करेगा। यहां भी 50 बेड की व्यवस्था की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि प्रेमनगर सीएचसी में ऐसी व्यवस्था होगी, ताकि जिला हॉस्पिटल में कम प्रेशर रहे और केवल जरूरी होने पर ही मरीजों को जिला हॉस्पिटल भेजा जाए।

कहां कितने बेड

हॉस्पिटल कुल बेड प्रस्तावित

कोरोनेशन 70 200

गांधी शताब्दी 00 100

प्रेमनगर 30 50

कहां कितनी ओपीडी

दून हॉस्पिटल 1400

कोरोनेशन 600

प्रेमनगर 150

गांधी शताब्दी 60

नोट : संख्या औसत प्रतिदिन

क्या है परेशानी

केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित अनेक ऐसी योजनाएं हैं, जो जिला अस्पताल के माध्यम से चलती हैं। इनमें सीएमएसवाई, जननी सुरक्षा योजना जैसी आधा दर्जन से ज्यादा योजनाएं शामिल हैं। फिलहाल इनमें से कुछ योजनाएं दून हॉस्पिटल से जैसे-तैसे चलाई जा रही हैं, जबकि कुछ कोरोनेशन हॉस्पिटल शिफ्ट कर दी गई हैं। इसके अलावा मेडिकल लीगल संबंधी मामलों में भी परेशानी हो रही है।

स्टाफ भी असमंजस में

दून हॉस्पिटल को मेडिकल कॉलेज बना दिये जाने के बाद से देहरादून में जिला हॉस्पिटल की समस्या पैदा हो गई है। हालांकि जिला हॉस्पिटल का स्टाफ अब भी दून हॉस्पिटल में बैठता है, लेकिन यह स्टाफ सीएमओ से निर्देश ले या मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से यह बड़ी समस्या बनी रहती है। जिला हॉस्पिटल के स्टाफ को दोनों अथॉरिटीज के आदेश मानने पड़ते हैं। कई बार ये आदेश आपस में विरोधाभासी होते हैं।

एनएचएम से मिलेगी मदद

जिला अस्पताल बनाने में नेशनल हेल्थ मिशन ने भी भरपूर सहयोग की बात कही है। एनएचएम के डायरेक्टर युगल किशोर पंत ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को बताया कि दून में जिला अस्पताल की सख्त जरूरत है। इसके लिए एनएचएम की ओर से हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मिशन की ओर से स्वास्थ्य निदेशालय को पहले की आश्वासन दे दिया गया है।

जिला अस्पताल बनाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। कोरोनेशन में फोर्टिस हॉस्पिटल भी चल रहा है, लेकिन फोर्टिस की बिल्डिंग वापस नहीं ली जाएगी, इससे हमें हार्ट डिजीज संबंधी आवश्यक सेवा मिलती है। जगह की कमी को देखते हुए गांधी शताब्दी आई हॉस्पिटल और सीएचसी प्रेमनगर को जिला विंग के रूप में स्थापित करने की योजना है।

-डॉ। अर्चना श्रीवास्तव, डीजी हेल्थ।