BAREILLY:

मोबाइल और लैंडलाइन फोन में खरखराहट इन दिनों बड़ी समस्या बन गई है। रोजाना इसकी दर्जनों शिकायत बीएसएनएल ऑफिस पहुंच रही है, लेकिन विभाग इसका निदान कर पाने में बेबस है। क्योंकि बिजली विभाग ने 33 हजार केवी पॉवर का केबल बीएसएनएल की लाइन के बराबर में बिछा दिया है। हाई पॉवर करंट फोन की कनेक्टिविटी में आड़े आ रहा है। साथ ही, ब्रॉडबैंड भी प्रभावित हो रहा है।

 

 रोजाना आ रही शिकायतें

वर्ष 2015 में बिजली विभाग की जो लाइन बिछाई गयी है, वह बीएसएनएल की ओएफसी के पैरलेल ही बिछा दी गई है। 11 और 33 केवी की यह लाइन ओएफसी के लिहाज से अनुकूल नहीं है। हाई वोल्टेज लाइन ओएफसी पर निगेटिव इफेक्ट डालने का काम कर रही है। फ्रिक्वेंसी में कंपन से फोन पर क्लियर बात होने में प्रॉब्लम्स आ रही है। बैकग्राउंड से खरखराहट, बीच में बात कट हो जाना और फिर जुड़ जाना सहित अन्य समस्याएं इसी कारण हैं। चौपुला, कैंट और राजेंद्र नगर एक्सचेंज में रोजाना 5-6 शिकायतें संबंधित समस्या को लेकर पहुंच रही हैं।

 

1 मीटर नीचे ही बिछा दी लाइन

बीएसएनएल की ओएफसी लाइन जमीन के 1 मीटर नीचे बिछाई गयी है। दो वर्ष पहले जब बिजली विभाग की अंडरग्राउंड लाइन बिछनी शुरू हुई, तो उन्होंने बीएसएनएल के अधिकारियों से सम्पर्क नहीं किया। लिहाजा, अंडर ग्राउंड केबल बिछाने का काम कर रही कंपनी ने ओएफसी के पैरलेल ही 11 और 33 केवी की लाइन बिछा दी। जबकि, यह लाइन दो से तीन मीटर अंदर होना चाहिए, लेकिन कम्पनी से ऐसा न करते हुए 1 मीटर पर ही केबल बिछा दिया।

 

ठप पड़ गई थी सर्विस

बंच कंडक्टर में फॉल्ट आने से ओएफसी के अंदर लगे कॉपर के तार के हिट होने की संभावना प्रबल हो गई है, जिससे एक्सचेंज पर भी खतरा बना हुआ है। दो वर्ष पहले चौपुला एक्सचेंज जलने का यही कारण था। बिजली विभाग के ट्रांसफॉर्मर में फॉल्ट आने से पास के ही एक पोल पर बीएसएनएल का लगा डिस्ट्रिब्यूशन प्वॉइंट हिट हो गया था। डिस्टिब्यूशन प्वॉइंट से विभाग का जुड़ा मेन डिस्ट्रिब्यूशन फेम प्रभावित हो गया था और देखते ही देखते एक्सचेंज में आग लग गयी थी, जिसके चलते बीएसएनएल की सर्विस एक वीक तक ठप पड़ गई थी।

 

 

बिजली विभाग की पैरलेल लाइन होने से दिक्कत होती है। एक-दूसरे से कम्युनिकेशन ठीक से नहीं हो पाता है। यदि, किसी कारण बिजली विभाग का बंच कंडक्टर किसी कारण कट जाए तो ओएफसी के संपर्क में आने से बीएसएनएल के बीटीएस भी बंद हो सकते हैं।

अशोक, एसडीई, बीएसएनएल