पिता ने लगाया दुराचार का आरोप

दिव्यांश के पिता ने शुरुआत में ही बच्चे के साथ दुराचार की आशंका जताई थी। दिव्यांश के पिता रामहेत ने कहा कि पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली है पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। दिव्यांश के पिता ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस मामले में लापरवाही बरत रही है। पुलिस ने अभी तक मुझसे सवाल कोई सवाल भी नहीं पूछे हैं। जाहिर है स्कूल प्रशासन और पुलिस मिल कर मामले को दबाने का प्रयास कर रही है। एसडीएम ने भी दिव्यांश मामले में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूल अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रहा।

दिल्ली उपमुख्यमंत्री ने उठाए मासूम की मौत पर सवाल

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि परिवार के दुराचार का आरोप लगाए जाने के बाद भी स्कूल प्रशासन का ध्यान न देना संदेहास्पद है। जिस तरह बच्च पानी की टंकी के पास पहुंचा और उसे टंकी से निकालने के लिए स्कूल का कोई स्टाफ क्यों तैयार नहीं हुआ। मासूम के अभिभावकों की बात को नजरअंदाज किया जा रहा है कि बच्चे के ऐनल पॉइंट्स पे कॉटन लगी हुई थी। एक होनहार बच्चे को किसी मेडिकल टेस्ट के बिना ही स्कूल प्रशासन का हाइपर एक्टिव और दिमागी रूप से ठीक न बताना स्कूल के घटना में शामिल होने की आशंका जता रहा है।

किसी के पास नहीं है दिव्यांश के पिता के सवालों के जवाब

दिव्यांश के पिता रामहेत ने भी स्कूल पर सवाल उठाते हुए कहा कि मेरे पास उस पूरे इलाके का नक्शा है। वहां बहुत से सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। उस दिन वो कैमरे कहां थे। टंकी पर 20 से 25 किलो का पत्थर रखा था। बच्चे ने उसे कैसे टैंक से कैसे हटाया। टंकी में गिरने से पहले उसने जूते क्यों उतारे दिए। स्कूल का स्टाफ मेरे बेटे की बॉडी हास्पिटल में छोड़ कर क्यों भाग गया। घटना के फौरन बाद स्कूल ने पुलिस और परिजनों को क्यो सूचना नहीं दी। दिव्यांश के साथियों ने बताया था कि वह सुबह नो बजे से गायब है इसके बाद भी स्कूल स्टाफ ने उसे ढूंढने की कोशिश क्यों नहीं की।

मामले की जांच कर आरोपियों पर होगी सख्त कार्रवाई

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मासूम की पोस्टमार्टम रिपोर्ट चिंता में डालती है। एक प्राइवेट स्कूल इतना लापरवाह कैसे हो सकता है। स्कूल मैनेजमेंट और स्टाफ बच्चों की सुरक्षा के साथ इतना खिलवाड़ कर रहा है तो मन में डर पैदा होता है। इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए। मासूम के परिजनों को उन्होंने भरोसा दिलाया कि स्कूल पर कानूनन कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली पुलिस के डीसीपी प्रेमनाथ ने कहा कि स्कूल में पुलिस की एक टीम को नियुक्त किया गया है। ताकि वह साक्ष्यों के साथ खिलवाड़ न कर सकें। दिव्यांश के परिजनों द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर ही एफआईआर दर्ज की गई है।

ये है पूरा मामला

दिल्ली के वसंत कुंज स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में पहली क्लास में पढ़ने वाला छह साल का दिव्यांश 30 जनवरी को स्कूल के सेप्टिक टैंक में गिर गया था। जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने परिजनों को दिव्यांश के चुटहिल होने की बात कर हास्पिटल बुलाया था। स्कूल का स्टॉफ हास्पिटल में दिव्यांश की बॉडी छोड़ कर भाग निकला। हास्पिटल स्टाफ ने पुलिस को घटना की सूचना दी। दिव्यांश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी पीठ पर चोट के साथ गुदा से खून निकलने की बात कही गई थी। स्कूल प्रशासन ने बताया कि जब मासूम को टैंक से निकाला गया था तब वह जीवित था। अस्पताल पहुंचने तक वह दम तोड़ चुका था।

दिव्यांश मामले में यह कहती है डॉक्टरों की रिपोर्ट

डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में दिव्यांश को पूरी तरह फिट बताया है। उसे कोई बीमारी नहीं थी। स्कूल प्रशासन ने दिव्यांश को हाइपर एक्टिव बताया था। पुलिस ने शुरुआती जांच में स्कूल की लापरवाही बताई थी। इसके बाद ही स्कूल ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि वह आए दिन क्लास से गायब हो जाता था।  सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री CFSL  और पुलिस टीम ने स्कूल जाकर क्राइम सीन रीक्रिएट किया। स्कूल स्टॉफ के अब तक 40 लोगों से पुलिस पूछताछ कर चुकी है। स्कूल प्रशासन ने दिव्यांश की क्लास डायरी हवाला देकर अपना बचाव किया है। डॉयरी में उसकी अनुशासनहीनता को लेकर कुछ नोट दर्ज हैं। स्कूल प्रिंसिपल संध्या, क्लास टीचर मीनाक्षी, सुपरवाइजर, माली और रूम की देखरेख करने वाले गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद मे जमानत पर रिहा कर दिया गया।

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