- अतिशुभ हो गया है दीपावली का दिन

- पंच दिवसीय ये पर्व बन गया है महापर्व

Meerut : ज्योतिषाचार्यो के अनुसार दीपावली का ये साल बेहद शुभ माना जा रहा है। पंडितों के अनुसार इस बार का धनतेरस तीन अभिजित योग वाला रहा त्रयोदशी तिथि ख्0 अक्टूबर की रात्रि क्क् बज कर ख्ख् मिनट से प्रारम्भ हुई और प्रारम्भ होने के कुछ समय पश्चात ही मध्य रात्रि में अभिजित योग भी शुरू हो गया। त्रयोदशी तिथि ख्क् अक्टूबर की रात्रि क् बज कर क्फ् मिनट तक रही। इस प्रकार त्रयोदशी तिथि समाप्त होने से पूर्व रात्रि अभिजित योग में थी तथा ख्क् अक्टूबर की मध्य दोपहर दिन का अभिजित योग था ही। इस प्रकार पंच दिवसीय महापर्व का प्रारम्भ, धनतेरस में तीन अभिजित योग पड़ जाने के कारण यह दीपावली का महापर्व शुभ से शुभतम हो गया है।

ये योग है इस दीपावली पर

विल्वेश्वर नाथ मंदिर के पंडित चिंतामणि जोशी के अनुसार ख्फ् अक्टूबर दिन गुरुवार की प्रात: म् बजकर ख्8 मिनट से दीपावली पर्व प्रारम्भ होगा। जिस समय चित्रा नक्षत्र विष्कुंभयोग व चतुष्पद/नागकरण चल रहे होगें तथा चन्द्रमा कन्या व तुला राशि पर भ्रमण कर रहे होगें। इसी दिन कमला जयंती तथा महालक्ष्मी, महाकाली, महासरस्वती पूजन त्रिआयामी लाभकारी हो सकेगा।

दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के विशेष मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य भारत ज्ञान भूषण के अनुसार

प्रदोषकाल - शाम भ् बजकर ब्क् मिनट से म् बजकर भ्फ् मिनट तक।

ऐश्वर्य हेतु स्थिर वृषभ लग्न - मुहूर्त शाम म् बजकर भ्8 मिनट से 8 बजकर भ्ख् मिनट तक।

सिद्धि प्राप्ति हेतु सिंह लग्न में - रात क् बजकर फ्ख् मिनट से रात्रि फ् बज कर ब्भ् मिनट तक।

बड़े संस्थानों, फैक्ट्रीयों आदि में - दोपहर क्ख् बजे से ख् बजकर भ्फ् मिनट तक।

श्रेष्ठतम समय दोपहर ख् बज कर फ्0 मिनट से ख् बज कर भ्फ् मिनट तक कुंभ लग्न में है। उपरोक्त शुभ मुहूर्तो में लक्ष्मी पूजन से धन, समृद्धि और सौभाग्य के साथ-साथ स्थिर लक्ष्मी योग भी बनते हैं।

गृहस्थों के लिए अति श्रेष्ठ शुभ मुहूर्त - शाम म् बजकर भ्8 मिनट से शाम 8 बजकर भ्ख् मिनट तक का समय मुहूर्त का भी प्राण समय है। यह अति विशेष मुहूर्त समय सभी के लिए उस प्रकार का शुभ फलदायी हो सकेगा। जैसे क्ब् वर्ष के वनवास एवं रावण वध के बाद पुष्पक विमान से भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन पर अयोध्यावासियों ने दीपमालिकाओं को सजा कर प्रकाशोत्सव मनाया था।

इस वर्ष के विशेष योगानुसार दीपावली पूजन पर करें निम्न विशेष -

- दिन भर साफ सुथरे, चहकते, महकते अपने सुंदर घर मे मन की खुशियों, रंगीनीयों के साथ आध्यात्मिक व धार्मिक वातावरण बनायें रखें तथा घर परिवार के सभी सदस्य माता लक्ष्मी का बीज मंत्र मन ही मन या बोलते हुए यह कल्पना करते हुए जपते रहें कि माता लक्ष्मी समुद्र मंथन में कमला रूप में प्रकट हो रही है। इस तरह से आपके जीवन में भी लक्ष्मी का प्राकट्य के योग बन सकेंगे।

- अलक्ष्मी का रूप कलह व गंदगी को न तो घर में स्थान दें और न ही अपने जीवन में।

- इस बार दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के मुहूर्त समय में एक थाली में तिल के तेल के ख्म् दीपक चारों ओर सझा कर मध्य में एक बड़ा चौमुंह दीपक प्रज्ज्वलित कर सर्वप्रथम दीप पूजन करें। चौमुंहा दीपक सबसे पहले पूजा स्थल पर रख कर शेष ख्म् दीपक सर्वप्रथम मुख्य द्वार से प्रारम्भ करके तुलसी, रसोई, पानी का स्थान, घर का आंगन, सभी कक्षों में दीप रखते हुए छत पर दीप रखें। छत की दक्षिण दिशा में 7 दीपक अलग से पितरों को अर्पित करें। छत पर रखें ये दीपक हमारे पितरों को प्रकाश व ऊर्जा प्रदान करते है और यदि आपका संयुक्त बड़ा परिवार है तो पितरों के लिए 7 के स्थान पर क्7 दीपक प्रज्ज्वलित करें। छत पर ऊंची लगाई गयी कैंडिल भी पितरों के लिए अर्पण करने के लिए ही होती है। दीप पूजन के समय इस मंत्र का जाप हमारे जीवन को शुभ ऊर्जाओं से प्रकाशित करता है ऊं दीपावल्यै नम।

- सर्वप्रथम गणेश जी का पूजन तो अनिवार्य होता ही है। पर साथ ही विष्णु लक्ष्मी का अर्थात लक्ष्मी-नारायण का पूजन दीपावली पर ये लोक और परलोक दोनों में परमपथ तक पहुंचाने की सामर्थता रखता है। इसलिए पुरुष-सूक्त तथा लक्ष्मी-सूक्त दोनों का पाठ दीपावली पर विशेष रूप से जो कर सकते है उन्हें करना ही चाहिए।

ये रखे ध्यान

पंडित अरुण शास्त्री के अनुसार इन बातों का भी ख्याल रखना जरुरी है।

्रक्। सरसों के तेल का दीपक न जलाएं। इससे दरिद्रता आती है।

ख्। काले नीले वस्त्र धारण न करें। खुले बालों से लक्ष्मी पूजन न करें। सात्विक वस्तुओं का ही प्रयोग करें।

फ्। दीपावली की रात में सोए नहीं, जागरण करें।

ब्। झाडू का अनादर न करें, क्योंकि इसमें लक्ष्मी का निवास है।

भ्। पूजन करते समय शांत चित्त रहें। प्रेत पूजा से परहेज करें।

दीवाली पर ये करें

क्। ईशान कोण में गणेश, लक्ष्मी, सरस्वती, कुबेर की स्थापना किसी चौकी पर करें। अखंड ज्योत अवश्य जलाएं। घर के प्रत्येक जगह घी के दीपक जलाने से अज्ञान रूपी अंधकार दूर करती है। माता लक्ष्मीजी, सफेद एवं पीले वस्त्र या लाल वस्त्र धारण करके ही पूजा करें। पति-पत्‍‌नी एवं परिवार सहित पूजन करें। घर के मुख्यद्वार पर क्क् दीपक घी के लगाकर गणेशजी के क्क् नाम उच्चारण करने से ऋद्धि सिद्धि का आगमन होता है। गणेशजी के क्क् नाम एकदंत, वक्रतुंड, विनायक, विघ्नेश्वर, गणेश, गणपति, गजानन, कपिल, गजकर्णक, धूम्रकेतु व सुमुख का जाप करें।

भारत ज्ञान भूषण

ज्योतिष वैज्ञानिक