- पटाखों से कई हानिकारक गैसे भी घुल जाती हैं आबोहवा में
-मेरठ के रिहायशी इलाकों में भी दूषित हो जाती है आबोहवा
Meerut : दिवाली खुशियों का त्योहार है, इसे एक दूसरे के साथ मिलकर हंसी-खुशी के साथ मनाएं। दिवाली के दौरान पटाखों और आतिशबाजी को लेकर पर्यावरणविदें और संगठनों की हमेशा प्रतिक्रिया रहती है। इस बार तो दिल्ली और एनसीआर में आतिशबाजी को सुप्रीमकोर्ट ने प्रतिबंधित कर दिया है। ऐसे में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पिछली 2 वर्षो की मेरठ की आबोहवा का मिजाज देखा तो निकलकर आया कि दिवाली के भोर प्रदूषण की मात्रा में रिकार्ड बढोत्तरी देखने को मिली है।
एक नजर आंकड़ों पर
2015
दिवाली, 11 नवंबर 2015
अक्टूबर 2015 (दिवाली से पूर्व)
मापन स्थल-बेगमपुल (व्यवसायिक)
पीएम-10-162.10
एसओटू-6.1
एनओटू-50.1
मापन स्थल-केसरगंज (आवासीय)
पीएम-10-120.5
एसओटू-4.9
एनओटू-21.7
नवंबर 2015 (दिवाली से पश्चात)
मापन स्थल-बेगमपुल (व्यवसायिक)
पीएम-10-176.3
एसओटू-7.5
एनओटू-60
मापन स्थल-केसरगंज (आवासीय)
पीएम-10-131.5
एसओटू-6.7
एनओटू-46.4
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2016
दिवाली 30 अक्टूबर
सितंबर 2016(दिवाली से पूर्व)
मापन स्थल-बेगमपुल (व्यवसायिक)
पीएम-10-178.4
एसओटू-7.2
एनओटू-59
मापन स्थल-केसरगंज (आवासीय)
पीएम-10-126.2
एसओटू-6
एनओटू-46.3
अक्टूबर 2016(दिवाली के बाद)
मापन स्थल-बेगमपुल (व्यवसायिक)
पीएम-10-190
एसओटू-7.5
एनओटू-67
मापन स्थल-केसरगंज (आवासीय)
पीएम-10-135
एसओटू-6.4
एनओटू-53.3
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2017
दिवाली, 19 अक्टूबर
अगस्त 2016
मापन स्थल-बेगमपुल (व्यवसायिक)
पीएम-10-161.34
एसओटू-6.95
एनओटू-60.92
मापन स्थल-केसरगंज (आवासीय)
पीएम-10-120
एसओटू-5.59
एनओटू-36.03
नोट:-मात्रा (माइक्रोग्राम/घनमीटर)
पीएम-10-पार्टीकुलर मैटर-10 एमजी
एसओटू-सल्फर डाई ऑक्साइड
एनओटू-नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड
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वर्जन
दिवाली के दौरान पटाखों और आतिशबाजी से पर्यावरण में दूषित गैसों की मात्रा बढ़ जाती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद निश्चित तौर पर दिवाली के बाद प्रदूषण कम रहेगा। विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी की जा रही है।
आरके त्यागी, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड