-30 अप्रैल के धरने पर सीईओ ने डीएम को लिखा लेटर

-अराजक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा

Meerut : कैंट बोर्ड के सीईओ ने डीएम को लेटर लिखकर इस बात की निंदा की है कि एक दिन पहले धरना प्रदर्शन की सूचना देने के बाद भी जिला प्रशासन ने न तो इसे रोकने का कोई कदम उठाया और न ही धारा-क्ब्ब् के उल्लंघन को रोकने के लिए कोई कदम उठाए गए। जबकि धरना प्रदर्शन करने वालों में कुछ ऐसे भी अराजक तत्व भी थे जिनका ख्क्0 बी और उससे संबंधित केसों को से वास्ता नहीं था। उनका पूरा मकसद कैंट बोर्ड के दस्तावेजों को नष्ट करना था। जिसकी कीमत ख्0 हजार करोड़ रुपए से ऊपर है।

मूकदर्शक बना रहा प्रशासन

उन्होंने अपने पत्र में डीएम को लिखा कि फ्0 अप्रैल को कैंट बोर्ड की जनरल बोर्ड मीटिंग थी। इस मीटिंग में नए जीओसी सुनील यादव का शपथ और पुराने जीओसी का विदाई समारोह होना था। लेकिन उस समय अराजक तत्व कैंट बोर्ड कैंपस में अनियमिता का नंगा नाच कर रहे थे और प्रशासन केवल मूक दर्शक बनकर खड़ा रहा। जिससे साफ जाहिर होता है कि प्रशासन ने कैंट बोर्ड के पत्रों को आवश्यक नहीं की श्रेणी में डालकर नजर अंदाज कर दिया।

कार्रवाई कराने का अनुरोध

सीईओ ने डीएम को लेटर में कहा कि जिस तरह से कैंट बोर्ड में अराजक तत्वों ने कैंट बोर्ड के कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की, मारपीट करने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, कुछ लोगों के स्टोर में आग लगाने की नियत से घुसने जैसी वारदातें सीसीटीवी कैमरों में भी दर्ज हैं। उन्होंने डीएम से उक्त अराजक तत्वों पर एफआईआर दर्ज कराने और कार्रवाई करने की मांग की ।

उस धरना प्रदर्शन में कई ऐसे अराजक तत्व थे जिनका न तो बंगले से कोई संबंध था। न ही केस से। ऐसे में डीएम को लेटर लिख कार्रवाई करने की मांग की है।

- डॉ। डीएन यादव, सीईओ, कैंट बोर्ड