-सांसद-मेयर समेत मौजूद लोगों को नागवार गुजरी डीएम की नजरअंदाजी

-देर से पहुंचे डीएम ने सांसद और मेयर के प्रोटोकॉल को किया ध्वस्त

Meerut : ऐतिहासिक घटनाक्रम के दौरान वर्चस्व का टकराव साफ देखने को मिला। शहर के लिए शान 'तिरंगे' के इस्तकबाल में महज जानकारी पर बिना बुलाए शहर के प्रथम नागरिक मेयर हरिकांत अहलूवालिया और सांसद राजेंद्र अग्रवाल समेत कई भाजपाई पहुंच गए तो वहीं डीएम देर से पहुंचे। हद तो तब हो गई जब डीएम ने आनन-फानन में मंच पर पहुंचकर प्रोटोकॉल को नजरअंदाज कर बटन दबाना शुरू कर दिया। शहर के लिए खास आयोजन में जमकर हंगामा हुआ।

जनप्रतिनिधियों ने जताई नाराजगी

सात बजे के तय कार्यक्रम के आधा घंटा पूर्व समर्थकों संग सूरजकुंड पार्क पहुंचे मेयर और सांसद को पहले तो नागवार गुजरा कि इस खास आयोजन के लिए उन्हें एमडीए या जिला प्रशासन द्वारा निमंत्रण नहीं दिया गया। हालात तब बेकाबू हो गए जब डीएम के आने में देरी की सूचना मिली। जनप्रतिनिधियों ने इसे राष्ट्र और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति अपमान करार देते हुए डीएम को दोषी ठहराया। सांसद का कहना था कि इस ध्वज का लोकापर्ण किसी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अथवा सामाजिक व्यक्ति से कराते।

खिसक लिए अफसर

डीएम के देर से पहुंचने की सूचना पर एमडीए के अफसर मौके से खिसक लिए। भाजपा नेता जनता के साथ हंगामा कर रहे थे तो वहां उन्हें स्थिति की जानकारी देने वाला भी कोई नहीं था। जब स्थिति बिगड़ने लगी तो एडीएम प्रशासन दिनेश चंद्र, सिटी मजिस्ट्रेट केशव कुमार, एसडीएम ज्योति राय, सीओ बीएस वीरकुमार, इंस्पेक्टर एसके राणा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। एडीएम ने सांसद और मेयर को समझाने का लाख प्रयास किया, लेकिन स्थित सामान्य नहीं हुई।

डीएम का व्यवहार नागवार

देर से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे डीएम का व्यवहार सांसद, मेयर और कैंट बोर्ड की अध्यक्ष बीना वाधवा को नागवार गुजरा। डीएम जनप्रतिनिधियों का संबोधन किए बिना बटन दबाने पहुंच गए। बाद में उन्होंने एडीएम प्रशासन को जनप्रतिनिधियों को राजी करने के लिए भेजा। सांसद, मेयर ने डीएम के व्यवहार पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कार्यक्रम में भागेदारी से इनकार कर दिया और परिसर छोड़कर चले गए।

देर रात फहरा सकते हैं ध्वज

देर रात्रि राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के सवाल पर डीएम ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के नियम में कुछ संशोधन हुआ है। रात्रि के अंधेरे में ध्वज को नहीं फहरा सकते, जबकि उजाला होने पर इसे फहराया जा सकता है। हालांकि वहां मौजूद ज्यादातर लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं थी।

ऐतिहासिक आयोजन के दौरान डीएम का देरी से आना राष्ट्रीय ध्वज के प्रति अपमान दर्शा रहा है, इस प्रकरण को संसद में रखा जाएगा।

राजेंद्र अग्रवाल, सांसद, मेरठ

राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के साथ-साथ शहर की जनता को भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम डीएम ने किया है। एमडीए को चाटुकारिता का खामियाजा भुगतना होगा। ध्वजारोहण डीएम से कराना गैरवाजिब है।

हरिकांत अहलूवालिया, मेयर, मेरठ

मुझे जानकारी नहीं है, मुझसे कहा गया था कि बटन दबाकर ध्वज को फहराना है। कार्यक्रम में भी ऐसा साफ नहीं था कि 7 बजे ही ध्वजारोहण होना है।

पंकज यादव, डीएम, मेरठ