- 'जनता दर्शन' कार्यक्रम में हजारों लोगों की शिकायतें पेंडिंग, विभागीय अफसर निस्तारण में बरत रहे उदासीनता

- डीएम ने एसएसपी, नगर आयुक्त समेत आधा दर्जन अफसरों को जारी किया नोटिस

-तीन दिनों में क्वालिटेटिव रिड्रेसल के दिए आदेश

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KANPUR : जनता की शिकायतों की सुनवाई और निस्तारण में हीलाहवाली बरतने वाले विभागों और उनके आला अफसरों की डीएम ने जमकर क्लास लगाई है। सभी अफसरों को तीन दिनों के अंदर शिकायतों का निस्तारण करने, उदासीनता नहीं बरतने की चेतावनी दी है।

आई नेक्स्ट की खबर का असर

संडे को आई नेक्स्ट ने 'जनता दर्शन' की हकीकत उजागर की थी। खबर में खुलासा किया गया था कि सीएम से लेकर कमिश्नर, डीएम लेवल तक जनता की समस्याओं का निस्तारण नहीं किया जा रहा है। महज दो सालों में पेंडेंसी हजारों में पहुंच चुकी है। जानकारी पर डीएम डॉ। रोशन जैकब ने अगले दिन ही रिकॉर्ड चेक करवाया तो मालूम हुआ कि पुलिस, नगर निगम समेत आधा दर्जन विभागों के अफसर समस्याओं के निस्तारण में इंटरेस्ट ही नहीं दिखा रहे हैं।

तीन दिनों की मोहलत

एक अगस्त को लखनऊ में स्टेट लेवल रिव्यू मीटिंग कॉल-अप की गई है। मुख्य सचिव का आदेश मिलने के बाद डीएम ने संबंधित विभागों के अफसरों को तीन दिनों के अंदर-अंदर शिकायतों की पेंडेंसी निपटाने के आदेश जारी किये हैं। डीएम ने बताया कि ज्यादातर मामले काफी पुराने हैं। रेगुलर बेसिस पर इनका रिव्यू सीएम ऑफिस से किया जा रहा है। अगर फ्0 जुलाई तक मामलों का निस्तारण नहीं होता तो शासन में विपरीत मत प्रकट किया जा सकता है।

क्वालिटी से समझौता नहीं

इस पूरे मामले में वक्त काफी कम है, लेकिन पेंडेंसी हजारों में है। इसलिए डीएम ने विशेष रूप से कहा है कि शिकायतों के निस्तारण में कोताही न बरती जाए। उन्होंने एसएसपी, नगर आयुक्त, उप श्रमायुक्त, मुख्य विकास अधिकारी, प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय, सहकारी कताई मिल्स के मैनेजर को सभी कम्प्लेंट्स के क्वालिटेटिव रिड्रेसल की डिटेल लोक शिकायत अनुभाग में अवेलेबल कराने के आदेश जारी किये हैं।