डू नॉट डिस्टर्ब एक्टीवेट करने के बाद भी बंद नहीं होती है कॉल

फेक कॉल और मैसेज की अब तो आ गई है भरमार

लॉटरी और जैकपॉट के लालच में हैक हो रहे बैंक एकाउंट व एटीएम

ALLAHABAD: मोबाइल अब केवल बात करने का माध्यम नहीं, बल्कि पार्ट ऑफ लाइफ बन चुका है। ये 24 घंटे लोगों के साथ रहता है। ऐसे में मीटिंग के दौरान, रात में सोते समय आने वाले कॉल गुस्सा दिलाते हैं। झुंझलाहट भी पैदा होती है। ये काल कंपनियों के प्रमोशनल या मार्केटिंग कॉल व मैसेज होते हैं। स्थिति ये है कि डीएनडी यानी डू नॉट डिस्टर्ब एक्टीवेट करने के बाद भी इस तरह के कॉल लोगों के पास आ रहे हैं। सोमवार को गर्मी लगी क्या कैंपेन के तहत दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने अशोका इंस्टीट्यूट, शंभूनाथ इंस्टीट्यूट और शक्ति कोचिंग के स्टूडेंट्स से अनवांटेड कॉल, अनवांटेड मैसेज व वाट्सअप मैसेज से होने वाली समस्याओं के बारे में बातचीत की। स्टूडेंट्स के साथ ही टीचर ने भी खुल कर अपनी बात रखी।

स्पॉट 1- अशोका इंस्टीट्यूट

खूबियां ही नहीं, साइड इफेक्ट भी बताएं कंपनियां

चर्चा की शुरुआत झलवा स्थित अशोका इंस्टीट्यूट से हुई। यहां स्टूडेंट्स ने न सिर्फ समस्याएं बताई, बल्कि सुझाव भी दिए। आशीष कुमार ने कहा कि मोबाइल कंपनियां मोबाइल के फीचर तो कस्टमर को बताती हैं, लेकिन मोबाइल के साइड इफेक्ट की कोई जानकारी नहीं दी जाती है। जैसे मोबाइल का मिसयूज न किया जाए, इससे फेक कॉल न की जाए, 24 घंटे मोबाइल पर ही न बिताया जाए, सोशल साइट्स, वाट्सएप आदि पर ही पूरा दिन न गुजारा जाए। रोहित शर्मा ने बताया कि कुछ दिनों पहले मोबाइल पर इंटरनेशनल कॉल आई, कॉल करने वाले ने मेरी लॉटरी निकलने की जानकारी दी और डिटेल मांगा, इतने में ही 56 रुपया मोबाइल बैलेंस कट गया। समस्या ये है कि सेल्युलर कंपनियों के मैसेज आने के बाद अपने आप सर्विस एक्टिवेट हो जाता है। सुनील ने कहा कि ट्राई कहता है कि बगैर आईडी के किसी को भी सिम कार्ड न दिया जाए। जबकि शहर में कुछ ज्यादा पैसा देने पर बगैर आईडी के एक्टीवेटेड सिम कार्ड मिल जा रहा है। एक ही आधार और आईडी से आठ से दस सिम कार्ड कैसे जारी हो जा रहे हैं। इसकी ट्रैकिंग होनी चाहिए।

स्पॉट 2-शंभूनाथ इंस्टीट्यूट

एक्टिव किया जाए साइबर सिक्योरिटी सेल

अशोका इंस्टीट्यूट के बाद दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम शंभूनाथ इंस्टीट्यूट पहुंची। वहां एमबीए स्टूडेंट्स के साथ बातचीत की गई। स्टूडेंट्स ने प्रॉब्लम के साथ ही सॉल्यूशन भी बताया। करन गुजराती ने कहा कि ये बात सही है कि अनवांटेड कॉल और मैसेज से लोगों को दिक्कत होती है, लेकिन इस पर रोक नहीं लगती है, जबकि साइबर एक्ट बना हुआ है। पब्लिक की कम्प्लेन पर कार्रवाई हो सके, इसके लिए साइबर सिक्योरिटी सेल हर जगह बनाया जाना चाहिए। साइबर कम्प्लेन का एक ऐसा एप बनाया जाना चाहिए, जिससे परेशान हुए बगैर अपनी कम्प्लेन दर्ज करा सकें। शालिनी ने कहा कि जिस तरह से हर हाथ में स्मार्ट फोन पहुंच चुका है। नेट का इस्तेमाल हो रहा है। उसे देखते हुए स्ट्रीक्ट साइबर सिक्योरिटी एक्ट बनाना चाहिए। अगर कोई गलती करे तो उसे पनिशमेंट देना चाहिए, चाहे फिर वो सेल्युलर या फिर मोबाइल कंपनियां ही क्यों न हों। इलेक्शन के दौरान लगातार सैकड़ो अनवांटेड मैसेज आए। राहुल सिंह ने कहा कि सोशल साइट्स लोगों को गुमराह कर रहे हैं। हर तरह के मैसेज, पिक और विडियो अपलोड न हों, ऑप्शनल की सुविधा होनी चाहिए। वहीं प्राची शर्मा ने कहा कि कुछ दिनों पहले उनके मोबाइल पर आरबीआई के नाम से एक मैसेज आया। उसमें लिखा था कि मेरा करोड़ों रुपये का जैकपॉट निकला है। उसके बदले में मुझसे मेरा एकाउंट डिटेल और कुछ रुपया मांगा गया। मुझे पता था कि इस तरह के मैसेज फेक हैं, इसलिए मैंने कोई जवाब नहीं दिया। जो लोग लालच में आ जाते हैं, वे ठगी के शिकार हो जाते हैं।

स्पॉट-3- शक्ति कोचिंग

लोकल ही नहीं, इंटरनेशनल कॉल भी करते हैं परेशान

शंभूनाथ इंस्टीट्यूट से दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम शक्ति कोचिंग पहुंची। यहां स्टूडेंट्स के साथ ही कुछ अधिवक्ताओं ने भी चर्चा में भाग लिया। दिलीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सेल्युलर कंपनियां लोगों को लालच देकर कस्टमर बनाती हैं, ये गलत है। सतीश कुमार सिंह ने कहा कि वाट्सएप पर ग्रुप में बिना सहमती के नंबर को एड कर लिया जाता है। कोई भी किसी नंबर को बगैर परमिशन के किसी ग्रुप में न जोड़ सके, इसके लिए टिक मार्क की सुविधा होनी चाहिए कि बगैर मर्जी के किसी ग्रुप में किसी नंबर को एड न किया जा सके। आशीष पांडेय ने कहा कि इंटरनेशनल नंबर से कॉल और मैसेज आ रहे हैं। नैनी के रहने वाले ओपी यादव के पास कॉल आई कि एरिक जानसन आएंगे दो करोड़ रुपया और कार देंगे। इसके लिए उन्हें 24 हजार रुपये देने होंगे।

रिचार्ज में पैसा कम आता है। यही नहीं क्रास कनेक्शन पर भी कस्टमर का पैसा कट जाता है। अनवांटेड कॉल और मैसेज की वजह से मोबाइल हैंग हो जाता है। सेल्युलर कंपनियों को जहां इस पर रोक लगानी चाहिए, वहीं ट्राई को भी सख्त कदम उठाना चाहिए।

आरके सिंह

शंभूनाथ इंस्टीट्यूट

ये बात सही है कि मोबाइल पर अनवांटेड कॉल और मैसेज आते रहते हैं। इससे दिक्कत होती है। सेल्युलर कंपनियां इस पर सख्ती से काम नहीं कर रही हैं। कस्टमर के कांट्रैक्ट नंबर बेचे जा रहे हैं, जो पूरी तरह से गलत है। इस पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए।

अशोक सिंह

अशोका इंस्टीट्यूट

जितनी कंपनी उतने प्लान। किसी भी कस्टमर के मोबाइल पर फेक काल इसलिए आती है कि संबंधित कंपनियां कस्टमर्स के नंबर बेच रही हैं। क्रास कनेक्शन में चार्ज कट जाता है। कुछ पर्वो पर टॉक पैक काम करता है, कुछ पर्वो पर नहीं, ऐसा नहीं होना चाहिए।

नवनीत कुमार श्रीवास्तव

अशोका इंस्टीट्यूट

स्मार्ट फोन के एडवांटेज और डिसएडवांटेज भी हैं। बल्क मैसेज भेजे जा रहे हैं, जो उन लोगों तक भी जा रहे हैं, जो नहीं चाहते हैं कि इस तरह के मैसेज उन तक पहुंचे। इसके लिए रूल्स और कानून बने हैं, जिसका पालन नहीं होता है। इसका सख्ती से पालन होना चाहिए।

राहुल कुमार पांडेय

शक्ति कोचिंग

अनवांटेड कॉल और मैसेज पर रोक लगाने के लिए कस्टमर केयर पर कॉल किया जाता है तो वहां भी बात नहीं सुनी जाती है। वेटिंग कराने के बाद कॉल ड्रॉप कर दिया जाता है। ऐसे में कस्टमर्स को कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकार दिए जाने चाहिए।

अशोक कुमार शुक्ला

शक्ति कोचिंग

कल का विषय

Students life (School, College and Coaching, Fee and the facilities)