नई साइट के साथ दे रही सर्विसेज

एनडीएसएल एक नई वेबसाइट EzeeWill.com के जरिए यह सर्विस दे रही है, जबकि एचडीएफसी सिक्योरिटीज की ई-विल सर्विस कंपनी की ओर से पहले से दी जा रही ऑनलाइन सर्विसेज के साथ जुड़ी है. इस ई-विल सर्विस का मकसद वसीयत लिखने की प्रक्रिया को आसान बनाना है.

कैसे बनता है ई-विल

ई-विल बनाने के लिए कस्टमर को सर्विस प्रोवाइडर की वेबसाइट पर लॉग इन कर जरूरी जानकारियां भरनी होती हैं. इसके बाद यह जानकारियां एक लीगल एक्सपर्ट को भेजी जाती हैं, जो वसीयत तैयार करता है. वसीयत आपको ई-मेल के जरिए या आपके घर के पते पर भेज दी जाती है. आप अपनी सुविधा के अनुसार इसके लिए प्रोसेस ऑनलाइन पूरा कर सकते हैं. हालांकि, इसके लिए एक समयसीमा होती है. एचडीएफसी सिक्योरिटीज जानकारियां भरने के लिए पेमेंट के दिन से 60 दिन का समय देती है.

अलग हो सकती हैं वसीयत लिखने की जरूरतें

वसीयत लिखने की जरूरतें और कानून व्यक्ति से संबंधित मामले या समुदाय के आधार पर अलग हो सकते हैं. ई-विल सर्विस प्रोवाइडर्स कस्टमर के धर्म और समुदाय पर लागू होने वाले सक्सेशन एक्ट के मुताबिक वसीयत तैयार करते हैं. अलग-अलग धर्मों से संबंध रखने वाले कस्टमर्स की जरूरतें पूरी करने के लिए इनके पास स्पेशलाइजेशन रखने वाले वकील होते हैं.

मिल सकती हैं कई सुविधाएं

बदलते हालत बदलते हालात के मुताबिक फिजिकल असेट्स के साथ ही ई-विल सर्विस से आपको डिजिटल और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी वसीयत में शामिल करने की भी सुविधा मिलती है.

आसान हो गया वसीयत लिखने का प्रोसेस

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के एमडी एंड सीईओ असीम ध्रु ने कहा कि जैसे ऑनलाइन ट्रेडिंग ने इक्विटीज में इनवेस्टमेंट बहुत आसान बना दिया है, उसी तरह ई-विल सर्विस से वसीयत लिखने का प्रोसेस आसान और बिना किसी परेशानी के पूरा हो सकेगा. लांच के बाद से कंपनी ने 600 ई-विल रजिस्ट्रेशन किए हैं और इसका सालाना टारगेट एक लाख का है.

क्या कहते हैं अधिकारी

वारमोंड ट्रस्टीज एंड एग्जेक्यूटर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर गोकुल दास ने बताया कि वारमोंड के पास डेटा जमा होने के दिन से पूरे प्रोसेस में लगभग दो सप्ताह का समय लगता है. सभी जानकारियां देने के बाद सर्विस प्रोवाइडर आपको एक रफ ड्राफ्ट भेजता है. कस्टमर के इससे संतुष्ट होने के बाद ही प्रोसेस को आगे बढ़ाया जाता है. दास ने बताया कि कस्टमर को ड्राफ्ट ध्यान से पढ़कर यह पक्का करना चाहिए कि उसकी इच्छाओं को इसमें सही तरीके से शामिल किया गया है. अगर आपको कोई गलती नजर आती है तो कॉपी फाइनल होने के बाद भी आप इसमें बदलाव करवा सकते हैं. इसके लिए आपको सुधारों के साथ कंपनी को डॉक्युमेंट वापस भेजना या अपलोड करना पड़ेगा.

क्या है कीमत

ई-विल की कीमत 4,000 रुपये है और अडिशनल रिव्यू 250 रुपये प्रति रिव्यू की फीस पर किया जाता है. अगर आप हार्डकॉपी की डिलीवरी चाहते हैं तो एनडीएसएल इसके लिए 500 रुपए का अतिरिक्त चार्ज लेगी.

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