-आई नेक्स्ट ने 'डू यू स्विच ऑफ' मुहिम का आगाज किया

-जागरुक लोगों के विचारों को सामने लाने का प्रयास होगा

DEHRADUN : साल की शुरुआत में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'बिजली बचाओ, देश बनाओ' नारे के साथ बिजली को बचाने की मुहिम शुरू की। इसी कड़ी में बिजली की अहमियत और इसकी बर्बादी को रोकने के मकसद से आई नेक्स्ट ने स्कूल लेवल पर 'डू यू स्विच ऑफ' मुहिम का आगाज किया है। अगले तीन दिन तक आई नेक्स्ट डिफरेंट स्कूल्स में स्टूडेंट्स, टीचर्स और पेरेंट्स को इलेक्ट्रिसिटी सेविंग के लिए अवेयर करने का काम करेगा। मुहिम के तहत जागरुक लोगों के विचारों को भी सामने लाने का प्रयास किया जाएगा।

रोजाना फ्.भ् मिलियन यूनिट की खपत

विश्व में बिजली की खपत तकरीबन सभी सेक्टर्स में लगातार बढ़ रही है। बिजली की लगातार बढ़ रही खपत से बिजली स्त्रोत भी लगातार कम हो रहे हैं। अकेले देहरादून की बात करें तो यहां हर रोज फ्.भ् मिलियन यूनिट बिजली की खपत होती है। इसके करीब क्ख्.भ् परसेंट लाइन लॉस में बर्बाद होता है। जिसका असर कटौती में देखने को मिलता है। इससे असर बिजली कटौती के रूप में देखने को मिलता है।

अभियान का आगाज

ऐसे में आने वाले समय में बिजली की उपलब्धता कम न हो इसके लिए अभी से सकारात्मक प्रयास किए जाने बेहद जरूरी हैं। इसी को देखते हुए स्कूल्स में बच्चों, टीचर्स और पेरेंट्स को अवेयर करने के लिए आई नेक्स्ट ने खास अभियान का आगाज किया है। इसी कड़ी में सिटी के स्कूल्स के नोटिस बोर्ड और क्लास रूम्स में 'डू यू स्विच ऑफ' पोस्टर्स भी लगाए गए। पोस्टर में बिजली की खपत को कैसे रोके इसे लेकर जानकारी दी गई।

स्टूडेंट्स और टीचर्स हुए जागरुक

रेसकोर्स एरिया के दून कैंब्रिज स्कूल में पोस्टर लगाए गए। इस दौरान बच्चों ने पोस्टर पर लिखे इलेक्ट्रिसिटी सेविंग टिप्स को अपनी लाइफ में अप्लाई करने का प्रण किया। स्कूल में लगाए गए पोस्टर्स को लेकर टीचर्स ने भी आई नेक्स्ट के इस प्रयास की खूब सराहना की।

टर्न ऑफ द लाइट्स, अगर आप कमरे में नहीं हैं या कोई ऐसा काम नहीं कर रहे, जिसमें आपको अतिरिक्त रोशनी की जरूरत है। तो कमरे की रोशनी बंद करना कोई बुरी बात नहीं है। इससे बिजली की खपत पर भी रोक लगेगी।

- मोनिका असवाल, स्टूडेंट

आमतौर पर हम काफी प्रयास करते हैं कि बिजली की खपत कम की जाए, लेकिन अक्सर भूल जाते हैं। ऐसे में क्लासरूम्स में लगे आई नेक्स्ट के डू यू स्विच ऑफ पोस्टर्स हमें इस बात की याद दिलाएंगे कि इलेक्ट्रिसिटी सेविंग कितनी कीमती है।

-देवश्री गौड़, स्टूडेंट

आज मार्केट में एलईडी लाइट्स मौजूद हैं, जो कि बेहद कम यूनिट पर काम करती है। हमें अपने घरों में नॉर्मल बल्ब्स को हटाकर सीएफएल या एलईडी बल्ब्स की यूज करने चाहिए।

- दिव्यांशी उनियाल, स्टूडेंट

बिजली बचाने का सबसे आसान तरीका है कि हम पुराने एप्लाइंसेज को चेंज कर दें। आज मार्केट में मौजूद इलेक्ट्रिकल एप्लाइंसेज बेहद कम बिजली खपत की सुविधा के साथ उपलब्ध है। नए उत्पाद आपके बिजली के बिल को काफी कम कर सकते हैं।

- उत्कर्ष चौहान, स्टूडेंट

अगर जरूरत हो तभी लाइट ऑन करनी चाहिए। मेरी अपील है कि अगर आपके घर में नेचुरल लाइट की कमी नहीं है तो इलेक्ट्रिसिटी को बचाते हुए घर में जितना हो सके इसी का यूज करें।

-आदित्य सेमवाल, स्टूडेंट

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टीचर्स भी बोले बिजली बचाओ

स्कूल में बच्चों को सब्जेक्ट रिलेटेड नॉलेज ही प्रदान की जाती है। 'डू यू स्विच ऑफ' नाम से स्कूल्स में चलाई जा रही बिजली बचाने की मुहिम सराहनीय है।

- प्रियंका बिष्ट, टीचर

इलेक्ट्रिसिटी सेविंग को लेकर लोगों में अभी भी अवेयरनेस की कमी है। आई नेक्स्ट की यह मुहिम काफी कारगर साबित होगी।

- प्रिया कपूर, टीचर

अक्सर हम बिजली उपकरणों का यूज नहीं करते, लेकिन उन्हें प्लग इन करके रखते हैं। जाने अनजाने हम बिजली की खपत बढ़ाते हैं। बिजली बचाने को लेकर लोगों को जागरुक होना होगा।

- प्रगति घिल्डियाल, टीचर

समर सीजन में लोग एयर कंडीशंस का यूज ज्यादा करते हैं। जो कि बिजली की खपत के मामले में सबसे ज्यादा बिजली की खपत करता है। अगर लोग टाइमली अपने एसी की सर्विस कराते रहें तो खपत काफी कम होगी।

- रमणीक कौर, टीचर

उत्तराखंड में पहले बिजली का संकट बहुत ज्यादा नहीं था, लेकिन वक्त के साथ साथ यहां भी बिजली की कटौती होने लगी है। इसका कारण बिजली के उपयोग का ज्यादा होना है। बिजली की खपत का ख्याल रखा जाए तो संकट पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

- रिमी नौटियाल, टीचर