गोमेद:
असली गोमेद में एयर बबल्स नहीं नजर आते हैं। इसके अलावा इसे चौबीस घन्टे गोमूत्र में रखने पर उसका रंग बदलने लगता है।
पन्ना:
असली पन्ने पर कच्ची हल्दी लगाने से रंग लाल हो जाता है। इसके अलावा पानी से भरे कांच के गिलास में पन्ना रखने पर उसमें ग्रीन किरणे दिखाई देती हैं।
लहसुनिया:
असली लहसुनिया पत्थर पर भी रगड़ने पर टूटता नहीं है। इसके अलावा अंधेरे कमरे में रखने पर इसकी किरणे साफ दिखाई देती हैं।
मूंगा:
असली मूंगा शीशे पर घिसने पर आवाज नहीं करता है। असली मूंगे पर हाइड्रोक्लोरिक एसिड की बूंदे डालने पर झाग बनता है।
मोती:
मोती को तर्जनी से पकड़ने पर वह कुछ ही देर में गर्म हो जाएगा। वहीं मोती को पानी में डालने पर उसमें किरणें दिखाई देती हैं।
माणिक:
असली माणिक को कमल की कली रखेंगे तो वह थोड़ी देर में खिल उठता है। इसके अलावा कांच के बर्तन में रखने पर यह लाल रंग में दिखता है।
पुखराज:
पुखराज को सफेद कपड़े में बांधकर धूप में रखने पर उसमें पीली छाया दिखती है। असली पुखराज को एक दिन दूध में रखने पर उसका रंग नहीं बदलेगा।
नीलम:
नीलम को कांच के गिलास में पानी में रखने से पानी के ऊपर नीली किरण दिखती है। वहीं दूध में रखने पर इसका रंग नीला दिखाई देता है।
हीरा:
हीरे पर मुंह से भाप छोड़ने पर उस पर भाप नहीं जमेगी। इसके अलावा गर्म दूध में डालने पर वह ठंडा हो जाता है।
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