1- यदि आपने कोई लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी या हेल्थ इंश्योरेंयस पॉलिसी खरीदी है और इसके बाद भी आप इसे नहीं लेना चाहते हैं तो आपको इसे वापस करने का राइट है। पॉलिसी डाक्यूमेंट मिलने के 15 दिन के अंदर इसे कंपनी को वापस कर सकते हैं। पॉलिसी वापस करने के लिए बीमा कंपनी की ओर से तय किए गए फॉर्म को भर कर जमा कराना होगा। फ्री लुक पीरिएड 3 साल या इससे अधिक टर्म वाली सभी लाइफ इंश्योरेंस या हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर लागू होता है।

2- यदि आप ने किसी बैंक से लोन लिया है और आप उसकी किश्त नहीं अदा कर पा रहे हैं तो आपका अधिकार है कि बैंक या रिकवरी एजेंट आपसे सम्मानजनक व्यवहार करे। लोन की किश्त अदा ना करने पर बैंक को आपको 60 दिन का नोटिस देना होगा। इस अवधि में आप अपना केस अथराइज्ड ऑफीसर के सामने पेश कर सकते हैं। इस अवधि में बैंक आपको परेशान नहीं कर सकता है। अगर फिर भी बैंक का कर्मचारी आपको परेशान करता है तो आप इसकी शिकायत बैंक में कर सकते हैं। बैंक को इस बारे में जांच करनी होगी। इसके अलावा आप इस के खिलाफ पुलिस में एफआईआर भी दर्ज करा सकते हैं।

3- इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के 90 दिन के अंदर टैक्स रिफंड पाना आपका राइट है। अगर 90 दिन के अंदर आपको राइट है।  टैक्स रिफंड नहीं मिलता है तो इस पर आपको हर माह 0.5 फीसदी इंटरेस्ट मिलेगा।  

4- अगर आपने कोई प्रॉपर्टी बुक कराई तो आपके पास तय समय के अंदर प्रॉपर्टी पर कब्जा पाने का अधिकार है। बिल्डर आपको समय से प्रॉपर्टी पर कब्जा नहीं देता है तो बिल्डर को होम लोन ईएमआई पर लगने वाले इंटरेस्ट का पेमेंट करना होगा। इसके अलावा आप ने जितना पेमेंट किया है आप पूरा अमाउंट वापस लेने की मांग कर सकते हैं। रिफंड की आपकी रिक्वेस्ट के 45 दिन के अंदर बिल्डर को आपको पूरा पैसा वापस करना होगा।

5- आप रेस्टोरेंट में खाना खाने गए हैं और आप उसकी सर्विस से संतुष्ट नहीं है तो आपके पास  सर्विस चार्ज न देने का अधिकार है। यह सर्विस चार्ज आपके बिल में शामिल होता है। सर्विस टैक्स या वैल्यू एडेड टैक्स की तरह सर्विस चार्ज सरकारी टैक्स नहीं है और यह रेस्टोरेंट ओनर की जेब में जाता है।

6- आपके डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से अवैध ट्रांजैक्शन हो गया तो आप को यह नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। इसकी भरपाई बैंक या कार्ड जारी करने वाला संस्थान करेगा। हालांकि आपको इसके लिए साबित करना होगा कि यह ट्रांजैक्शन आपसे नहीं हुआ है। आपकी कार्ड से हुए अवैध ट्रांजैक्शन की जानकारी बैंक को तुरंत देनी होगी। इसके अलावा आप कार्ड से हुए फ्रॉड के मामले में एफआईआर भी दर्ज करा सकते हैं।

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