-स्कूल्स-कॉलेजेज में बच्चों का काउंसलिंग करेंगे मंडलीय हॉस्पिटल के मनोचिकित्सक, भगाएंगे उनका भय

-सप्ताह के हर शनिवार को स्कूल्स में लगेगी डॉक्टर्स की क्लास

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सीबीएसई, आईसीएसई से लगायत यूपी बोर्ड का एग्जाम सिर पर है। एग्जाम का टाइमटेबल भी डिक्लेयर हो गया है। इलेक्शन समाप्त होते ही बोर्ड एग्जाम का दौर शुरू हो जाएगा। यही वजह है कि बच्चों के साथ ही पैरेंट्स की भी टेंशन बढ़ गई है। एग्जाम के तनाव में अच्छे नंबर नहीं आने पर बच्चे अक्सर गलत कदम उठा लेते हैं। अमूमन सुनने व देखने को मिलता है कि पेपर खराब होने के डर से बच्चे सुसाइड तक कर लेते हैं। बच्चे ऐसा कदम नहीं उठा सके, इसलिए एसएसपीजी मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा के मनोचिकित्सक उन्हें गाइड करेंगे उनका काउंसलिंग करेंगे। मनोचिकित्सक सप्ताह के हर शनिवार को स्कूल्स-कॉलेजेज में बच्चों को तनावमुक्त रहने का पाठ पढ़ाएंगे।

बताएंगे अच्छे मा‌र्क्स के तरीके

मंडलीय हॉस्पिटल में चलने वाली मनोरोग ओपीडी से ही पांच सदस्यीय डॉक्टर्स व स्टाफ की टीम बनी हुई है। जो स्कूल्स में कैंप लगाकर बच्चों को मनोरोग से बचने का उपाय, लक्षण व बचाव की जानकारियां देंगी। उन्हें यह भी बताएंगे कि एग्जाम के दौरान तनावमुक्त होकर अच्छे मा‌र्क्स कैसे हासिल किए जाते हैं?

ओपीडी में भी ले सकते हैं टिप्स

यदि पैरेंट व स्टूडेंट्स को कोई तनाव है या फिर किसी भी तरह के किसी सवाल से उलझन में हैं तो आपकी यह उलझन मनोचिकित्सक मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा में संचालित ओपीडी में सुलझा सकते हैं। आप सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को ओपीडी में पहुंचकर मनोचिकित्सकों व काउंसलर से टिप्स ले सकते हैं। यदि रूरल एरिया से बिलांग करते हैं तो मंगलवार व गुरुवार को अपने नजदीकी पीएचसी व सीएचसी में पहुंचकर उलझन शांत कर सकते हैं। मनोचिकित्सक व काउंसलर उस दिन वहां भी मिलेंगे।

अब तक ढाई सौ लाभांवित

मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा में मनोचिकित्सकों की ओपीडी तीन जनवरी से संचालित है। अब तक लगभग दो से ढाई सौ लोगों ने अपना चेकअप कराया है। अभी भी लोग तनावमुक्त रहने के लिए काउंसलर से टिप्स भी ले रहे हैं।

मनोरोग के लिए खुले ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ रही हैं। पहले लोग पांडेयपुर स्थित राजकीय मानसिक चिकित्सालय में चेकअप के लिए जाया करते थे अब यह सुविधाएं मंडलीय हॉस्पिटल में भी मिल जा रही हैं। अब तो बच्चों को स्कूल्स में भी मनोरोग से बचने के लिए अवेयर किया जाएगा।

डॉ। अरविंद सिंह, एमएस

मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा