-एक्सएलआरआई में 'डॉक्टरल कोलोक्वियम 2014' की हुई शुरुआत

-देशभर के विभिन्न बी स्कूल्स से जुटे हैं डॉक्टरल स्टूडेंट

JAMSHEDPUR : मैनेजमेंट के फील्ड में रिसर्च कर रहे डॉक्टरल स्टूडेंट्स को एक कॉमन प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक्सएलआरआई के एफपीएम एंड रिसर्च डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित 'डॉक्टरल कोलोक्वियम ख्0क्ब्' की शनिवार को शुरुआत हुई। दो दिनों तक चलने वाले इस प्रोग्राम में देशभर के विभिन्न बी स्कूल्स से आए डॉक्टरल स्टूडेंट्स पार्टिसिपेट कर रहे हैं। प्रोग्राम का इनॉगरेशन एक्सएलआरआई के डीन, एकेडमिक्स प्रो प्रणवेश रे, डीन एडमिनिस्ट्रेशन फादर एस जार्ज, एफपीएम एंड रिसर्च के डीन प्रो संजय पात्रो और की नोट स्पीकर आईआईएम बैंगलोर के प्रो गणेश प्रभू ने किया।

ऑरिजनल रिसर्च है जरूरी

डॉक्टरल कोलोक्वियम के इनॉगरल सेशन के दौरान एकेडेमिया में रिसर्च के इम्पॉर्टेस पर चर्चा हुई। इस मौके पर स्पीकर्स ने नए एरियाज में ऑरिजिनल रिसर्च के जरूरत पर बल दिया। प्रो पी रे ने कहा कि रिसर्च के लिए क्यूरिओसिटी और चीजों के पीछे की सच्चाई जानने का सही उद्देश्य होना जरूरी है। फादर एस जॉर्ज ने रिसर्च के दौरान नई चीजों का पता लगाने की क्षमता में आने वाली कमी को वजह बताते हुए कहा कि इंसान की सबसे मजबूत प्रवृति सर्वाइवल इंस्टिंक्ट नहीं, बल्कि परिचित चीजों को पकड़े रहना है। उन्होंने कहा कि इंसान परिचित चीजों पर से अपनी पकड़ खोने से डरता है। इस प्रोग्राम में देशभर के विभिन्न बी स्कूल्स से आए फ्0 डॉक्टरल स्टूडेंट्स पार्टिसिपेट कर रहे हैं। इस दौरान 9 रिसर्चर्स अपने पेपर्स भी प्रजेंट करेंगे।

देश में रिसर्च का रहा है प्राचीन इतिहास

डॉ संजय पात्रो ने प्राचीन काल में इंडियन रिसर्च और इंटेलेक्चुअल एक्सप्लोरेशन की प्रतिष्ठा को याद करते हुए कहा कि ज्ञान की खोज में दूर-दूर से लोग इंडिया आते थे। उन्होंने कहा कि लीडिंग इंस्टीट्यूट्स और यूनिवर्सिटीज के इनकम का एक बड़ा हिस्सा उनके इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के मार्केटिंग के जरिए आता है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरल कोलोक्वियम देश में रिसर्च के लिए सहायक इको-सिस्टम बनाने का एक प्रयास है। इस मौके पर आईआईएम अहमदबाद से आए डॉ आनंद जयसवाल ने स्ट्रक्चरल इक्वेशन मॉडलिंग के बारे में बताया। वहीं प्रो गणेश प्रभु ने डेढ़ घंटे तक चले सेशन के दौरान दी साइंस एंड आर्ट ऑफ पब्लिशिंग टॉपिक पर अपने विचार रखे। मौके पर देश भर से आए रिसर्च स्कॉलर्स को रिसर्च और टीचिंग बैलेंस, रिसर्च पब्लिकेशन से जुड़ी बातें भी बताई गईं।

आयोजित हुए कई सेशन

एक्सएलआरआई के एफपीएम एंड रिसर्च डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित इस डॉक्टरल कोलोक्वियम के दौरान मार्केटिंग, ऑर्गनाइजेशनल बिहेवियर/एचआर और फाइनांस एंड इकोनॉमिक्स से जुड़े सेशन्स भी ऑर्गनाइज किए गए। मोबाइल टेलीफोन सर्विस क्वालिटी पर नेटवर्क और कस्टमर केयर का क्या असर है, ब्रांड एक्सपीरिएंस पर सर्विस एक्सपीरिएंस का क्या प्रभाव पड़ता है, करेंट अकाउंट डेफिसिट का फिस्कल अकाउंट डेफिसिट और इंफ्लेशन से क्या संबंध है, कॉरपोरेट ब्रांडिंग और इंप्लाई इंगेजमेंट का आपस में क्या रिश्ता है, इन सेशन्स के दौरान ऐसे कई विषयों पर चर्चा हुई।