एक्सक्लूसिव

संक्रमण फैलने के डर से स्वाइन फ्लू पेशेंट्स को टरका रहे डॉक्टर्स

- आईडीएच के अलावा कहीं भर्ती ही नहीं किया स्वाइन फ्लू का मरीज

- स्वाइन फ्लू के इलाज के नाम पर स्वास्थ्य विभाग कर रहा है लीपापोती

- दो अस्पतालों में तो अभी तक टेमीफ्लू दवा भी नहीं पहुंची,

KANPUR: सिटी के चार प्रमुख सरकारी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू से बचाव को लेकर शासन ने सारे इंतजाम करने के आदेश तो दे दिए। लेकिन डॉक्टर्स के दिल में बैठा संक्रमण का डर पेशेंट्स की जान का दुश्मन साबित हो रहा है। तीन हॉस्पिटल्स में डॉक्टर्स संक्रमण फैलने के डर से पेशेंट्स को एडमिट ही नहीं कर रहे हैं। दरअसल चारों अस्पतालों में स्वाइन फ्लू मरीजों के लिए अलग आईसोलेशन वार्ड बनाए गए, लेकिन कई सीजन बीतने के बाद भी आईडीएच छोड़ और कहीं भी स्वाइन फ्लू का मरीज कभी भर्ती ही नहीं हुआ। इस बार भी स्वाइन फ्लू से एक मरीज की मौत के बाद सरकारी अस्पतालों में इससे बचने के इंतजामों के नाम पर खानापूर्ति ही हुई है।

तीन अस्पतालों में भर्ती ही नहीं हुआ पेशेंट

उर्सला हॉस्पिटल, केपीएम और कांशीराम हॉस्पिटल में स्वाइन फ्लू के पेशेंट्स के लिए अलग आईसोलेशन वार्ड बनाने के आदेश हुए थे। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने वेडनेसडे को चेक किया तो मालूम चला कि उर्सला में इमरजेंसी ब्लॉक में 8 बेड का वार्ड बनाया गया। केपीएम में ब् बेड और कांशीराम अस्पताल में भ् बेड का आईसोलशन वार्ड बनाया गया है। ऐसा पिछले तीन साल से हो रहा है, लेकिन इन वार्डो में तीनों ही सालों में एक भी स्वाइन फ्लू का पेशेंट भर्ती नहीं हुआ। जो भी संदिग्ध मरीज आया उसे संक्रामक रोग अस्पताल भेज दिया गया। हॉस्पिटल के स्टाफ ने नाम न पब्लिश करने की रिक्वेस्ट पर बताया कि डॉक्टर्स इंफेक्शन की वजह से संक्रामक रोगों के पेशेंट्स को आईडीएच में भेज देते हैं।

आधी अधूरी तैयारी

स्वाइन फ्लू के इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारी अधूरी है। आईडीएच में क्0 बेड का आईसोलेशन वार्ड बना, जिसमें दो वेंटीलेटर भी लगाए गए। जोकि अब खराब हैं। वहीं उर्सला, केपीएम और काशीराम अस्पताल के आईसोलशन वार्ड में तो वेंटीलेटर लगाने की जरूरत भी नहीं समझी गई। स्वाइन फ्लू पेशेंट्स को दी जाने वाली टेमी फ्लू दवा भी इन सभी अस्पतालों में नहीं बांटी गई है।

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स्वाइन फ्लू के लक्षण-

बुखार, खांसी, छींक आना, नाक बहना, गले में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बदन और जोड़ों में दर्द, दस्त उल्टी

ये सावध्ानी बरते-

- मुंह और नाम को ढक कर रखें

-नाक साफ करें और हाथ साबुन से अच्छी तरह से धोएं

-भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें

-इधर उधर न थूके, तनाव से बचें और पूरी नींद लें

-फौरन अच्छे डॉक्टर को दिखाएं अपने मन से दवा न खाएं

-अगर बच्चे में ऐसे लक्षण दिखे तो उसे स्कूल न भेजें

-संक्रमित मरीज से दूर रहे, खूब पानी पिएं

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वर्जन-

स्वाइन फ्लू के अभी ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं। इसको लेकर पर्याप्त तैयारी है। टेमी फ्लू की भी पर्याप्त मात्रा है। जो कमियां हैं, उन्हें सही कर लिया जाएगा। हॉस्पिटल्स में आइसोलेशन वार्ड रेडी हैं।

- डॉ। आरके सिंह, सीएमओ, कानपुर नगर