- सारा दिन मेडिकल कॉलेज में तड़पते रहे मरीज

- प्रिंसीपल को सीएमएस और स्टाफ का समर्थन

- डॉक्टर्स का दावा, पहले ही मर चुका था बच्चा

Meerut प्रिंसीपल के इस्तीफे के बाद मंगलवार को सीएमएस ने भी इस्तीफा दे दिया। सुबह जूनियर डॉक्टर व डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते सैकड़ों मरीजों का इलाज नहीं हो सका, वहीं स्टाफ ने प्रिंसीपल से मिलकर प्रशासन द्वारा कार्रवाई न करने पर सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की बात कही। प्रिंसीपल, सीएमएस और डॉक्टर्स ने कर्मचारियों पर मिलीभगत का अरोप लगाया है। वहीं गाइनिक विभाग के डॉक्टर्स के अनुसार मरीज सीमा व उसके पति बच्चे की मौत को लेकर डॉक्टर्स पर लापरवाही का गलत आरोप लगा रहे हैं। मेडिकल फैकल्टी ने प्रशासन से दोनों पक्षों की जांच की मांग की है। एकपक्षीय कार्रवाई पर मेडिकल फैकल्टी ने सामूहिक रूप से कदम उठाने की चेतावनी भी दे दी है। उधर मेडिकल पुलिस ने सीसीटीवी की फुटेज हासिल कर जांच शुरू कर दी है।

क्या था मामला

सोमवार को देर रात लिसाड़ी गेट निवासी अजहर ने बच्चे की मौत को लेकर मेडिकल कॉलेज पर लापरवाही का आरोप लगाया था। कर्मचारियों ने भी तीमारदारों के साथ मिलकर हंगामा किया और प्रिंसीपल डॉ। प्रदीप भारती से इस्तीफा लिखवा डाला। मंगलवार को इसकी सूचना मिलते ही मेडिकल फैकल्टी व जूनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर चले गए। एक घंटे मीटिंग के बाद फैकल्टी ने प्रिंसीपल के निवास स्थान पर जाकर उनका समर्थन किया। प्रिंसीपल के समर्थन में सीएमएस डॉ। सुभाष सिंह ने भी मंगलवार को इस्तीफा दे दिया।

मरा हुआ था बच्चा

प्रिंसीपल से बातचीत के दौरान गाइनिक डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ। अभिलाषा गुप्ता ने बताया कि जब अजहर अपनी पत्‍‌नी को सीमा को मेडिकल में एडमिट कराने लाया था तो उसका बच्चा पहले से ही मरा हुआ था। जिला अस्पताल का पर्चा भी इसका बड़ा सबूत है कि बच्चा पहले मरा हुआ था। पर्चे में साफ लिखा हुआ था कि बच्चे की पहले से मौत हो चुकी है, महिला को एनीमिया भी है। यह आरोप बेबुनियाद है कि बच्चा मेडिकल की लापरवाही से मरा है।

किसने बताया घर

मेडिकल फैकल्टी का मानना था कि इसमें कर्मचारियों की मिलीभगत है। डॉक्टर्स का कहना था कि मेडिकल में किसी भी आमजन को प्रिंसीपल व सभी डॉक्टर का घर पता नहीं होता है। डॉ। अभिलाषा तथा फैक्लटी एसोसिएशन मेंबर ने बताया कि मेडिकल के सीसीटीवी कैमरे में भी उन लोगों की फोटो आई है, जिन्होंने डॉक्टर अभिलाषा व पि्रंसीपल के घर तोड़फोड़ व हंगामा किया था। इनमें कुछ नेता कर्मचारी भी शामिल हैं, इसलिए प्रशासन को जांच करनी चाहिए।

सामूहिक इस्तीफे की वार्निग

मंगलवार को मेडिकल में सुबह की हड़ताल के बाद फैकल्टी ने मीटिंग के दौरान प्रिंसीपल के समर्थन में गंभीरता से फैसला लिया। फैकल्टी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। एसके गर्ग ने कहा कि प्रिंसीपल व सीएमएस ने इस्तीफा दे दिया है। इतना कुछ होने के बाद भी अगर प्रशासन मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई नहीं करता है तो मेडिकल स्टाफ मंगलवार को सामूहिक रूप इस्तीफा देगा।

कुछ लोग लगातार कैंपस का माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जो बेहद गलत है। रही बात इस्तीफे की तो मैं अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट रहा हूं। मुझसे इस्तीफा मांगा गया, इसलिए मैनें इस्तीफा दे दिया।

-डॉ। प्रदीप भारती, प्रिंसीपल मेडिकल कॉलेज

सीसीटीवी कैमरे में भी सबकी फोटो आ गई है। पहले मेरे घर लगभग तीस लोगों ने तोड़फोड़ की फिर प्रिंसीपल के घर तोड़फोड़ व अभद्रता की गई। महिला का बच्चा तो पहले से मरा हुआ था।

-डॉ। अभिलाषा गुप्ता, एचओडी, गाइनिक डिपार्टमेंट

इतनी ईमानदारी से काम करने के बाद भी अगर किसी अधिकारी के साथ अभद्रता का व्यवहार किया जाता है तो फिर वो कैसे काम कर सकता है। मेरे अधिकारी ने इस्तीफा दिया है, इसलिए मैं भी इस्तीफा दे रहा हूं। इस माहौल में कोई भी काम नहीं कर सकता है।

-डॉ। सुभाष सिंह, सीएमएस मेडिकल कॉलेज

अगर मंगलवार तक प्रशासन इस मामले की पूरी जांच कर सख्ती से जांच नहीं करता है। तो हमारी फैक्लटी खुद सामूहिक रूप से इस पर कार्रवाई करेगी। फैक्लटी सामूहिक रूप से इस्तीफा भी दे सकती है या फिर हड़ताल भी कर सकती है।

- डॉ। एसके गर्ग, अध्यक्ष मेडिकल फैकल्टी

अज्ञात में मुकदमा कायम कर लिया गया है, जांच की जा रही है जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अनुशासनहीनता बर्दास्त नहीं होगी।

-संजीव यादव, एसओ मेडिकल