आई एक्सक्लूजिव

- दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल को दवा आपूर्ति के लिए निदेशालय ने दिए आदेश

- एंटी रैबीज, हीमोफीलिया और आईवी फ्लूड को लेकर होती है सबसे ज्यादा समस्या

DEHRADUN: देहरादून राजकीय देहरादून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में अब आवश्यक दवाओं का टोटा नहीं पड़ेगा। निदेशालय स्तर से दवाओं की आपूर्ति के लिए आदेश कर दिया गया है। हालांकि, इससे पूर्व जरूरत पर हॉस्पिटल को एंटी रैबीज और हीमोफीलिया इंजेक्शन देने के बदले में एक माह में वापसी की अजीबोगरीब शर्त रख दी गई थी।

दवाओं की नहीं होगी समस्या

दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ। केके टम्टा के अनुसार मरीजों के इलाज के लिए सबसे ज्यादा जरूरत आईवी फ्लूड (ग्लूकोज की बोतल), एंटी रैबीज इंजेक्शन, हीमोफीलिया, कॉटन, सिरिंज आदि की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ। केके टम्टा ने बताया दून हॉस्पिटल के लिए दवाओं और अन्य जरूरी चीजों की कतई समस्या नहीं होगी। निदेशालय स्तर से दवाओं की सप्लाई देने के लिए आदेश कर दिए गए हैं। हॉस्पिटल की जरूरत के हिसाब से जल्द ही आई फ्लूड, हीमोफीलिया इंजेक्शन और एंटी रैबीज इंजेक्शन की आपूर्ति मिल जाएगी।

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टेंडर होने तक की होगी व्यवस्था

चिकित्सा अधीक्षक डॉ। केके टम्टा का कहना है कि दून हॉस्पिटल में मरीजों के लिए दवाओं की आपूर्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई जा रही है। टेंडर प्रक्रिया को कंप्लीट होने में अभी समय लग रहा है। जब तक टेंडरिंग कंप्लीट नहीं हो जाती है तब तक निदेशालय स्तर से दवाएं मिलती रहेंगी।

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पूर्व में रखी थी अजीब शर्त

बताते चलें कि दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में दवाओं के लिए निदेशालय स्तर से ही अजीबोगरीब शर्त रखी जा चुकी है। एंटी रैबीज और हीमोफीलिया के इंजेक्शन की सप्लाई से पहले निदेशालय ने एक माह में इंजेक्शन वापसी की शर्त रखी थी। तब चिकित्सा अधीक्षक लेवल से खुद की खरीद के इंजेक्शन आने पर वापसी को लेकर पत्र लिखकर भेजा और दवाओं की आपूर्ति की डिमांड की थी।

वर्जन

दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल को निदेशालय के स्तर से दवाओं की आपूर्ति मिलती रहेगी। इसके लिए निदेशालय ने बाकायदा आदेश भी जारी कर दिए हैं।

डॉ। केके टम्टा, चिकित्सा अधीक्षक