-पंद्रह अगस्त को निगम ने शुरू की थी सीटी बजाओ कूड़ा उठाओ योजना

-योजना के अंतर्गत शहर में घर-घर से उठाया जाना था कूड़ा

Meerut: शहर में पूर्ण रूप से लागू होने से पूर्व ही नगर निगम की 'सीटी बजाओ कूड़ा उठाओ' योजना का दम निकल गया। निगम की ओर से पंद्रह अगस्त को शुरू की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य शहर में घर-घर जाकर कूड़ा उठाना था, लेकिन योजना ठीक तरह से शुरू होने से पूर्व ही धाराशायी ही हो गई।

नहीं बजी सीटी

दरअसल, शहर की सफाई व्यवस्था को सिस्टेमैटिक करने के लिए नगर निगम ने 15 अगस्त को 'सीटी बजाओ कूड़ा उठाओ' योजना का आगाज किया था। योजना के अंतर्गत निगम ने 2206 संविदा सफाई कर्मी और 1074 स्थाई सफाई कर्मचारियों को बीट चार्ट में व्यवस्थित किया था। नई व्यवस्था के मुताबिक इन कर्मचारियों को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर घर-घर से पॉलीथीन में कूड़ा उठाना था। इसके लिए सफाई कर्मियों को सीटी व ग्रीन ड्रेस वितरित की जानी थी।

एक माह में ध्वस्त हुई योजना

नगर निगम की यह महत्वाकांक्षी योजना एक माह भी ठीक से नहीं चल पाई और शहर में पूर्ण रूप से लागू होने से पूर्व ही धराशायी हो गई। घर-घर कूड़ा उठाना तो दूर सफाई कर्मियों ने अपनी बीट तक पर पहुंचने की जहमत नहीं उठाई। शहर में गंदगी के हालात आज भी जस की तस बनी हुई है और निगम सफाई कर्मी अपने काम से इतर राजनीति में अधिक मशगूल दिखाई पड़ते हैं।

नई सफाई व्यवस्था को पायलट प्लान के अंतर्गत शुरू किया गया था। योजना में कुछ संशोधन किया जा रहा है। जल्द ही नई व्यवस्था के मुताबिक सफाई कर्मी सीटी बजाकर घर-घर से कूड़ा उठाएंगे।

डॉ। प्रेम सिंह, नगर स्वास्थ अधिकारी मेरठ