मरियाडीह में हुए दोहरे हत्याकांड में चल रहे हैं वांटेड, कोर्ट ने जतायी नाराजगी

मरियाडीह में दो साल पहले हुए डबल मर्डर के आरोपियों इफ्तेखार, तौसीफ, वसी, मकसूद, साबिर, कम्मू, जाबिर के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी होने के बाद भी कोई कार्रवाई न किए जाने पर सीजेएम रेशमा प्रवीन की कोर्ट ने एसओ धूमनगंज को आड़े हाथों लिया है। कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान एसएसपी को निर्देश दिया है कि वह खुद इन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित कराकर कोर्ट में पेश करें।

19 सितंबर को दिया था आदेश

मरियाडीह के बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड में आबिद प्रधान की बहन अलकमा और उसकी फॉच्र्यूनर के चालक सुरजीत की हत्या कर दी गयी थी। बाहुबली पूर्व सांसद अतीक के बेहद करीबी इस परिवार के सदस्य की हत्या से हड़कंप मच गया था। इस मामले में नामजद रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी। तब सपा की सरकार होने से मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद इस केस की नए सिरे से जांच शुरू हुई तो पुलिस को अतीक एंड कंपनी के गुर्गो पर हत्या और घटना की तह में मिले। इसके आधार पर पुलिस लगातार अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ा रही है। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि दोहरे कत्ल में पुलिस तमाम आरोपियों को दबोचने में अपना ध्यान केन्द्रित कर रही है लेकिन, कोर्ट जिन आरोपियों को दबोचने के लिए आदेश दे रही है, उसे अनदेखा करके ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। सीजेएम रेशमा प्रवीण ने एसओ धूमनगंज के मनमाने रवैये को जांचने के बाद इस दोहरे हत्या कांड के आरोपियों इफ्तेखार आलम, तौसीफ, वसी अहमद, मकसूद अहमद, साबिर, कम्मू व जाबिर को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किए जाने का आदेश वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दिया है। कोर्ट ने इसके पूर्व 19 सितंबर को थानाध्यक्ष धूमनगंज को आदेश दिया था कि वे मुल्जिमानों की गिरफ्तारी सुनिश्चित कराए तथा कुर्की आदेश का पालन कराए। पुलिस ने तामील व अदम तामीला की इत्तिला तक कोर्ट में पेश नहीं की।

कोर्ट में दाखिल है आरोप पत्र

बता दें कि मामले के विवेचक ने सीजेएम कोर्ट में अभियुक्तों की फरारी में आरोप पत्र पेश किया

इसके बाद कोर्ट ने कई बार समय दिया लेकिन विवेचक ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट का सहारा नहीं लिया

कोर्ट स्वयं अभियुक्तों को हाजिर कराने के लिए तारीख पर तारीख थाना धूमनगंज पुलिस को दे रही है

गैर जमानती वारंट व कुर्की का आदेश थानाध्यक्ष धूमनगंज को भेजा, लेकिन इस पर अमल नहीं किया

सीजेएम के आदेश की नाफरमानी विगत एक वर्ष से हो रही है