RANCHI: बेटी की जिंदगी खतरे में देखकर एक पिता बेंग्लुरु से फ्लाइट पकड़कर रांची आया। फिर, सड़क मार्ग से उसके ससुराल बोकारो चास गए। लेकिन, वहां उनकी बेटी जिंदा नहीं मिली, बल्कि उसकी लाश लेकर पिता को रांची पहुंचना पड़ा, जिसके बाद दाह संस्कार कर दिया गया। विवाहिता के पिता विजय कुमार प्रसाद रांची के सुखदेवनगर थाना क्षेत्र स्थित पांडे बगान निवासी हैं, जो काम के सिलसिले में कुछ दिनों रांची छोड़कर बेंगलुरु रहने लगे थे। इधर, विक्टिम विजय प्रसाद ने अपनी बड़ी बेटी ज्योति कुमारी(फ्भ् वर्ष)के ससुराल वालों के खिलाफ बोकारो के चास में दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया है। पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर मामले की छानबीन में जुट गई है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, विजय प्रसाद को उनके रिश्तेदारों द्वारा बताया गया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है। वे फिलहाल, बेंग्लुरु में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। उन्होंने बोकारो एसपी से इस मामले की त्वरित जांच कर दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है।

जान को खतरा है, पापा जल्दी ले जाओ

विजय प्रसाद ने बताया कि चार दिन पूर्व ज्योति कुमारी ने फोन किया था और कहा था कि उसे यहां जान को खतरा है। जल्दी से उसे ले जाएं। इसके बाद उन्होंने पांच जुलाई को रांची आने और वहां से बोकारो जाने के लिए क्फ् जुलाई के प्लेन का टिकट भी लिया था। यह बात उनकी बेटी को पता थी। लेकिन, एक दिन पूर्व ही उसकी मौत रहस्यमय परिस्थिति में हो गई। पिता ने कहा है कि उसके ससुराल वालों ने सुनियोजित तरीके से उनकी बेटी की हत्या कर दी है। दामाद मृत्युंजय कुमार ने फोन कर बेटी को ले जाने की बात कही थी, नहीं ले जाने पर मार डालने की भी बात कही थी। ज्योति कुमारी ने अपने पति पर भांजी से अवैध संबंध का आरोप लगाया था।

फोन नहीं करते देते थे ससुराल वाले

पुलिस को दिए बयान में बताया गया कि उनकी बेटी को उसके ससुराल वाले फोन भी नहीं करने देते थे। उसे किचन में जाने से रोका जाता था और उसके पति कमरे में आने से मना करते थे। उन्होंने आशंका जताई कि उनकी बेटी को मार डाला गया है।

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नवंबर, ख्008 में हुई थी शादी

पीडि़त पिता विजय कुमार प्रसाद ने बताया कि उनकी बड़ी बेटी ज्योति कुमारी(फ्भ् वर्ष) की शादी नवंबर, ख्008 में हैसियत के हिसाब से दान दहेज देकर बड़ी धूमधाम से की थी। दामाद मृत्युंजय कुमार इस्पात कॉलोनी चास रेलवे में पदस्थापित है। पीडि़त पिता ने बताया कि दो माह से बेटी के ससुराल में दामाद की शादी-शुदा बहन भी रह रही थी, जो काफी दिनों से अकेले बाल-बच्चों के साथ कल्याण(महाराष्ट्र) में रहती थी। जबकि उसका पति कानपुर में रहता है।