- कई महीनों की एक्सरसाइज के बाद डीएमआरसी ने सौंपी डीपीआर

- पहले फेज में दून में करीब 24 किमी में होगा मेट्रो लाइन का काम

- दूसरे फेज में आईएसबीटी से नेपाली फार्म व हरिद्वार से ऋषिकेश को किया गया है शामिल

DEHRADUN: मेट्रो रेल को लेकर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर काम रही रही दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने करीब साढ़े तीन माह की एक्सरसाइज के बाद अपनी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। दो वॉल्यूम की करीब 800 पेज की डीपीआर में दून मेट्रो का करीब डेढ़ किलोमीटर का दायरा बढ़ा है। हालांकि डीपीआर पर फाइनल मुहर लगने के लिए डीएमआरसी ने अपने कमेंट्स मांगे हैं। इसको देखते हुए अब इस माह के आखिरी सप्ताह में डीएमआरसी के साथ यूकेएमआरसी की बैठक होनी प्रस्तावित है।

दो वॉल्यूम में है डीपीआर

पूर्ववर्ती सरकार में दून में मेट्रो पर फैसला हुआ था। 23 मार्च को कंपनी एक्ट के तहत उत्तराखंड मेट्रो रेल, शहरी अवस्थापना एवं भवन निर्माण निगम का रजिस्ट्रेशन हुआ था। खास बात यह रही कि करीब नौ करोड़ में दिल्ली मेट्रो कॉर्पोरेशन डीपीआर बनाने का जिम्मा सौंपा गया था। करीब साढ़े तीन माह का वक्त लगने के बाद अब डीएमआरसी ने शासन को अपनी डीपीआर सौंप दी है। दो वॉल्यूम यानि करीब 800 पेज की डीपीआर रिपोर्ट में पहले के अनुमान की तुलना में कुछ नए संशोधन देखने को मिले हैं। डीपीआर में कहा गया है कि दून में दो कोरीडोर बनेंगे। जिसमें एक आईएसबीटी से कंडोली तक होगा। इसकी लंबाई 11.4 किलोमीटर व दूसरा एफआरआई से रायपुर तक, जिसकी लंबाई 13 किलोमीटर तय की गई है। डीपीआर में करीब डेढ़ किमी का दायरा बढ़ाया गया है। डीपीआर में मधुबन के राजपुर रोड पर खाली पड़ी आर्मी की जमीन पर मेट्रो का डिपो बनाए जाने को भी शामिल किया गया है। इस साढ़े चौबीस किलोमीटर मेट्रो लाइन का निर्माण कार्य पहले फेज में होना डीपीआर में तय किया गया है। दूसरे चरण में आईएसबीटी से नेपाली फार्म तक, जिसकी दूरी 40.5 किलोमीटर निर्धारित की गई। वहीं हरिद्वार से ऋषिकेश तक 34.5 किलोमीटर का दायरा सुनिश्चित किया गया है।

नियुक्ति प्रक्रिया भी जारी

यूके एमआरसी में नियुक्ति प्रक्रिया जोरों पर है। कंपनी सचिव की नियुक्ति होने के बाद क्लेरिकल, डाटा एंट्री ऑपरेटर्स पदों पर भर्तियों के लिए इंटरव्यू जारी हैं। जबकि 30 नवंबर तक तीन डायरेक्टरों की भर्ती होने की आखिरी तारीख बताई गइर्1 है।

टीओडी पर खास ध्यान

बताया गया है कि डीपीआर में (टीओडी) ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट पर विशेष फोकस किया गया है। मेट्रो लाइन के पास कई ऐसे लैंड पॉकेट्स डेवलप किए जाएंगे, जहां पर स्मार्ट कस्बे तैयार किए जाएंगे। जिनके जरिए मेट्रो कॉर्पोरेशन अपनी कमाई कर सके। ये इलाके 500 मीटर के दायरे में डेवलप होंगे।

डीएमआरसी के छह करोड़ बाकी

बताया गया है कि एलआरटी (लाइट रेल ट्रांजिट) सिस्टम पर खास ध्यान दिया गया है। यूरोपियन कंट्रीज की तर्ज पर भविष्य में राइडशिप बढ़ती है तो उसके मुताबिक उसको डेवलप किया जा सकेगा। डीएमआरसी की डीपीआर तैयार करने के लिए करीब नौ करोड़ रुपए पर सहमति बनी थी। जिसमें तीन करोड़ दे दिए गए हैं, जबकि छह करोड़ रुपए देने बाकी हैं।

फिलहाल ये है मेट्रो का ढांचा

-एमडी के बाद तीन डायरेक्टर होंगे।

-एक कंपनी सेक्रेटरी की हो चुकी है नियुक्ति।

-तीन चीफ व छह डिप्टी चीफ इंजीनियर्स।

-42 स्थाई व 22 अस्थाई पदों का होगा सृजन।

-लखनऊ मेट्रो की तर्ज पर तैयार हो रहा है ढांचा।

-बीते 23 मार्च 2016 को हुआ था उत्तराखंड मेट्रो रेल, शहरी अवस्थापना एवं भवन निर्माण निगम का रजिस्ट्रेशन।

दो कोरीडोर बनेंगे दून में।

एक आईएसबीटी से कंडोली तक 11.4 किलोमीटर.्र

दूसरा एफआरआई से रायपुर तक, 13 किलोमीटर तय होगी।

करीब डेढ़ किमी का दायरा बढ़ाया गया है डीपीआर में।

राजपुर रोड पर खाली पड़ी आर्मी की जमीन पर मेट्रो का बनाया जाएगा डिपो।

दिल्ली मेट्रो कॉर्पोरेशन से उत्तराखंखड मेट्रो रेल कार्पोरेशन (यूकेएमआरसी) की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट मिल गई है। अब इस पर अध्ययन जारी है। डीएमआरसी की तरफ से कमेंट्स मांगे गए हैं, एक बार फिर से इस माह के आखिरी में डीएमआरसी के साथ दिल्ली में बैठक होनी प्रस्तावित है।

जितेंद्र त्यागी, एमडी, उत्तराखंड मेट्रो रेल, शहरी अवस्थापना एवं भवन निर्माण निगम