चैम्बर में घुसकर मारपीट करने वाले दबंग नेता के तार कई बड़ों से जुड़े

घटना की रिपोर्ट न होने से सीधे हाथ डालने की जगह, सुबूत जुटाने पर केन्द्रित है पुलिस

ALLAHABAD: नौवां दिन भी बीत और और एक वह क्लू नहीं मिला जिस पर आगे बढ़कर डॉ। एके बंसल के हत्यारों तक पहुंचा जा सके। हर संभव कोशिश जरूर जारी है। रडार पर जो भी आता है उसकी पड़ताल हर स्तर पर की जा रही है। सीधे विवादों पर शक के दायरे में राजा पांडेय के बाद एक बाहुबली नेता का नाम सामने आया। राजा से पुलिस पूछताछ कर चुकी है और नेताजी के इर्द-गिर्द जाल बिछा रखा है।

कॉल डिटेल पर भी नजर

पुलिस के साथ एसटीएफ भी जानती है कि सीधे-सीधे पूछताछ करने पर गोलमोल जवाब मिलेगा। इसी के चलते पहले आधार तैयार किया जा रहा है ताकि बाहुबली नेताजी से बात करने की पूरी पृष्ठभूमि तैयार हो और सवालों के जवाब देना मजबूरी हो। इसके लिए नेता जी के कॉल की ट्रैकिंग शुरू कर दी गई है। उनकी लम्बी पहुंच की डिटेल निकालने के साथ पिछला बैकग्राउंड और वर्तमान में कांटैक्ट करने वालों की सूची निकालने के साथ उनके बारे में पता लगाया जा रहा है।

शूटर का सुराग मिले तो बात बढ़े

अभी तक पुलिस के हाथ डॉ। बंसल को गोली मारने वाले का कोई सुराग नहीं मिला है। सस्पेक्टेड के बारे में पता लगाने के लिए पिछली घटनाओं में शूटर के तौर पर इस्तेमाल हुई गैंग और जमानत पर छूटे शूटर्स पर कंसंट्रेट किया गया है। उनके पूरे समूह को स्कैन किया जा चुका है। वर्तमान में उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। नए परिप्रेक्ष्य में यह भी तलाशा जा रहा है कि नेताजी ने ही तो शूटर के जरिए यह काम नहीं करवाया। इस पर बात आगे तभी बढ़ेगी जब यह पता चले कि नेताजी की डॉक्टर बंसल से गर्मागर्मी किस बात को लेकर हुई थी। वैसे इस नेताजी के एरिया में ही डॉ। बंसल ने जमीन खरीदी थी। तो इस आधार पर भी कनेक्शन की तलाश हो रही है। वैसे अभी तक कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है।

शूटरों की लगातार तलाश की जा रही है। संदिग्ध लोगों की हरकतों पर भी नजर भी रखी जा रही है। हास्पिटल कर्मचारियों से लगातार पूछताछ की जा रही है। हमारी पूरी कोशिश है कि जल्द से जल्द घटना का खुलासा करने में कामयाबी मिल जाए।

-शलभ माथुर,

एसएसपी

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ह्वाट्सएप मैसेज कराया रेस्टोर, खंगाल रहे हर डिटेल

जीवन ज्योति हॉस्पिटल के निदेशक डॉ। एके बंसल के ह्वाट्सएप ग्रुप पर किए गए मैसेजेज को रेस्टोर कराने में पुलिस कामयाब हो गई है। टेक्निकल एक्सप‌र्ट्स की हेल्प से यह कामयाबी मिलने के बाद हर मैसेज की स्कैनिंग शुरू हो गई है। तलाशा जा रहा है कि इसमें कोई सुराग तो नहीं छिपा है जो हत्या करने या कराने वालों के बारे में कुछ जानकारी दे जाए। हत्या के बाद एक अदद क्लू की तलाश में हाथ पांव मार रही पुलिस को डॉ। बंसल के मोबाइल मिले तो पता चला कि उसमें सोशल साइट्स पर होने वाला कम्युनिकेशन गायब है। पहले माना गया कि शायद डॉ। इस पर एक्टिव ही न रहें हों लेकिन बाद में यह पता चलने पर कि वह इस नंबर का इस्तेमाल भी मैसेजिंग के लिए करते थे पुलिस को शक हुआ। ह्वाट्सएप को अनइंस्टाल करने के पीछे का सच जानने के लिए पुलिस ने पूरा मैसेज रेस्टोर करवाया है। इसके बाद भी शुक्रवार की देर शाम तक पुलिस को जांच को आगे बढ़ाने के लिए एक ठोस दिशा नहीं मिली थी।