डॉ। शुक्ला की वजीरगंज थाने में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 115/2011 के सेक्शन 409, 419, 420,467, 468,471 और 120 बी के तहत गिरफ्तारी की गई है। उनके खिलाफ स्वास्थ निदेशालय परिवार कल्याण डॉ। राजेंद्र सिंह ने सात अप्रेल को केस रजिस्टर कराया था।

आठ में से सात पहले ही थे गिरफ्तार

 दो अप्रैल को सीएमओ परिवार कल्याण डॉ। बीपी सिंह की हत्या के बाद डिपार्टमेंट में हुए घोटालों के बारे में पांच और सात अप्रैल को वजीरगंज कोतवाली में मामला दर्ज किया गया था। इसमें सीएमओ हेल्थ डॉ। एके शुक्ला को उनके पद से हटाते हुए अनियमितताओं के आरोप में मुख्य अभियुक्त बनाते हुए सात अप्रैल को डिप्टी सीएमओ डॉ। वाई एस। सचान, एडमिनेस्ट्रेटिव ऑफिसर सी.एस। यादव और सीनियर क्लर्क पीसी वर्मा के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई थी और तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

पांच अप्रैल और सात अप्रैल को दर्ज मुकदमों में आठ आरोपियों में से सात को पुलिस ने अरेस्ट कर जेल भेज दिया था जबकि सीएमओ हेल्थ रहे डॉ.एके शुक्ला को पुलिस ने अरेस्ट नहीं किया था। इस खबर को आई नेक्स्ट ने चार मई और के अंक में प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। उल्लेखनीय है कि सीएमओ बी.पी। सिंह हत्याकांड की जांच के दौरान सीएमओ ऑफिस में वित्तीय अनियमितताओं की बात सामने आने के बाद डॉक्टर शुक्ला को उनके पद से हटाकर उन्हें हेल्थ डिपार्टमेंट में ज्वाइंट डायरेक्टर के पद पर पोस्ट कर दिया गया था।

कोई बीमारी नहीं है डॉ। शुक्ला को

डीआईजी के प्रवक्ता प्रदीप कुमार श्रीवास्तव के अनुसार डॉ। शुक्ला को मंगलवार की सुबह लगभग सवा नौ बजे ट्रॉमा सेंटर के  सर्जिकल वार्ड के बेड नम्बर नौ से अरेस्ट किया गया। अरेस्ट के समय डॉ। एके शुक्ला ने हार्ट में प्राब्लम, हीमोग्लोबिन, यूरीन की प्राब्लम समेत लगभग एक दर्जन बीमारियां ट्रामा सेंटर के डॉक्टरों को बताईं थीं। छह घंटे की जांच के दौरान उन सभी बीमारियों की पड़ताल की गई जिसमें लगभग सभी बीमारियों की रिपोर्ट नार्मल आई। इसके बाद लगभग सवा तीन बजे ट्रॉमा सेंटर से डिस्चार्ज किया गया। पुलिस ने उन्हें पौने चार बजे कोर्ट में पेश किया जिसके बाद डॉ। एके  शुक्ला को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जिला कारागार भेज दिया।

रात से शुरु हो गयी थी तैयारी

सूत्रों की मानें तो पुलिस ने डॉ। एके शुक्ला की गिरफ्तारी की तैयारी सोमवार रात से ही शुरू कर दी थी। सोमवार रात पौने आठ बजे डॉ। एके शुक्ला के घर पुलिस के कुछ लोग गये थे। जिसके बाद रात लगभग साढ़े दस बजे डॉ। एके शुक्ला ट्रामा सेंटर में एडमिट हो गये। उसके बाद पुलिस अधिकारियों ने चौक थाने में देर रात तक मीटिंग की और डॉ। एके शुक्ला की मंगलवार को होने वाली गिरफ्तारी की रूपरेखा तैयार कर दी गई।

कोर्ट में सुनवाई से एक घंटे पहले हुई गिरफ्तारी

डिप्टी सीएमओ डॉ। योगेंद्र सिंह सचान के मामले को सीबीआई को सौंपे जाने के लिए हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होनी थी। सुनवाई से ठीक एक घंटे पहले वजीरगंज पुलिस ने डॉ। शुक्ला को ट्रामा सेंटर से अरेस्ट कर लिया। लखनऊ पुलिस को पूरे मामले में की जा रही कार्रवाई से भी हाईकोर्ट को अवगत कराना था। इससे पहले कोर्ट में यूपी पुलिस की ओर से कहा गया था कि डॉ। एके शुक्ला को नोटिस भेजा गया है जिसका जवाब वह नहीं दे रहे हैं। वहीं सूत्रों का कहना है कि नोटिस मिलने के बाद डॉ। एके शुक्ला रविवार को सीओ चौक और वजीरगंज कोतवाली गये थे लेकिन उनकी पुलिस अधिकारियों से मुलाकात नहीं हो पाई थी।

ट्रॉमा सेंटर में ड्रामा

ट्रॉमा सेंटर में डॉ। एके शुक्ला की अरेस्ट की खबर के बाद ट्रॉमा सेंटर में मीडिया कर्मियों की भीड़ जुटने लगी। थोड़ी ही देर के बाद पुलिस के आलाधिकारी ट्रॉमा सेंटर में जुटने लगे। एएसपी सिटी वेस्ट राकेश सिंह  सीओ चौक पीयूष रंजन श्रीवास्तव, इंस्पेक्टर चौक नरेंद्र सिंह राणा और एसओ वजीरगंज पंकज सिंह ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। काफी देर के बाद एएसपी वेस्ट राकेश सिंह मीडिया के सामने आये और डॉ। एके शुक्ला की गिरफ्तारी की आधिकारिक जानकारी दी गयी।

भेजे गये 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में

डॉ। एके शुक्ला को एसीजेएम के कोर्ट में रिमाण्ड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। मजिस्ट्रेट ने उन्हें चौदह दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। बचाव पक्ष के वकील ने बीमारी की दलील देते हुए डॉ। एके शुक्ला को हॉस्पिटल में एडमिट कराने का अनुरोध किया जिसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि ट्रॉमा सेंटर ने इन्हें डिसचार्ज कर दिया है आगे का इलाज जेल मैनुअल के अनुसार किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो जेल प्रशासन खुद उन्हें इलाज के लिये रेफर करेगा।