- पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर रेप की एफआइआर का मामला

- युवती का मोबाइल फोन मिला, भाई ने पुलिस पर लगाया मिलीभगत का आरोप

LUCKNOW : पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ। अय्यूब पर रेप की एफआइआर के बावजूद अब तक अरेस्टिंग न होने पर मृतका के भाई ने पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि अब उसे इंसाफ सिर्फ सीबीआई जांच से ही मिल सकता है। भाई का कहना है कि इतनी संगीन धारा में एफआईआर दर्ज होने के बावजूद सात दिन बाद भी गिरफ्तारी नहीं होने से साफ है कि पुलिस आरोपी के रसूख और धनबल के सामने सरेंडर कर चुकी है। इसीलिए वह इस मामले को दबाने की कोशिश में जुट गई है।

सीओ ने नकारे आरोप

मृतका के भाई ने बताया कि उसे डॉ। अय्यूब से जान का खतरा बना हुआ है। बावजूद इसके उसे सुरक्षा नहीं दी जा रही। उसने पुलिस पर आरोपी डॉ। अय्यूब से मिलीभगत का आरोप लगाया। वहीं, सीओ अलीगंज डॉ। मीनाक्षी ने मृतका के भाई के आरोपों को गलत बताया। उन्होंने बताया कि युवती का मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया गया है, जिससे अहम सुबूत मिले हैं। उन्होंने साक्ष्य जुटाने के बाद आगे की कार्रवाई की बात कही है। मृतका के भाई का कहना है कि जब सीडीआर और टावर की पड़ताल में युवती और अयूब की लोकेशन के साथ करीब 320 बार आपस में बातचीत की भी पुष्टि हो चुकी है तो पुलिस डॉ। अय्यूब पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है? । हालांकि, पुलिस द्वारा आरोपी के खिलाफ कोई एक्शन न लेना मृतका के भाई के आरोपों को सही ठहराता मालूम पड़ रहा है।

यह है मामला

गौरतलब है कि तहरीर में युवती के भाई की ओर से कहा गया है कि वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव में अपने लिये प्रचार करते हुए डॉ। अय्यूब संतकबीरनगर स्थित उसके घर आए थे। जहां युवती से कहा था कि वह उनके लिये प्रचार करे। उन्होंने उसे भरोसा दिया कि अगर वह जीत गए तो पढ़ाई के साथ नौकरी भी लगवा देंगे। प्रचार करवाने के लिए युवती को डॉ। अय्यूब कुछ दिन के लिए अपने साथ ले गए। जीतने के बाद डॉ। अय्यूब युवती का करियर संवारने की बात कहकर लखनऊ लेकर चले गए। उसे लखनऊ स्थित वोरा इंस्टीट्यूट ऑफ एलाइड साइंसेज में बीएससी नर्सिग में दाखिला दिलाया। भाई का आरोप है कि अयूब जब भी लखनऊ जाते युवती का जबरन यौन शोषण करते और मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी देते। ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान युवती की मौत के एक दिन बाद 25 फरवरी को मडि़यांव थाने में अयूब के खिलाफ दुष्कर्म समेत अन्य संगीन धाराओं में एफआइआर दर्ज कराई गई थी।