डॉ। बंसल हत्याकांड पर बोले शहर के डॉक्टर्स

यूनिवर्सिटी ही नहीं कई दूसरी संपत्तियों के विवाद में भी थी अदावत

पहले भी हुआ था हमला, पुलिस ने नहीं लिया गंभीरता से

ALLAHABAD: सूबे के चर्चित डॉ। बंसल हत्याकांड में पुलिस भले ही अपने सभी जांच के एंगल को महर्षि यूनिवर्सिटी के आस पास खंगाल रही है। लेकिन डॉ। बंसल का कई संपत्तियों को लेकर विवाद चल रहा था। इसमें यमुनापार के कुछ संपात्तियों को लेकर विवाद भी सामने आए थे। जिसको लेकर वह लगातार परेशान चल रहे थे। हत्याकांड की जांच के दौरान एसटीएफ व पुलिस को इन सभी विवादों की जानकारी हुई थी। लेकिन फिलहाल जांच टीमें अपना पूरा फोकस यूनिवर्सिटी विवाद को केन्द्र में रखकर वर्क कर रही है।

डाक्टर्स में बढ़ रहा रोष

डॉ। बंसल हत्याकांड में शून्य पर अटकी जांच को लेकर सिटी के डाक्टर्स में लगातार रोष बढ़ता जा रहा है। इस बारे में इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के डाक्टर्स का कहना है कि पुलिस का रवैया बेहद असंवेदनशील और निष्क्रिय लग रहा है। कहा अगर पुलिस एक्टिव होती तो अब तक डॉ। बंसल के हत्या से जुड़े किसी ना किसी अपराधी तक जरूर पहुंचती। लेकिन पुलिस की कार्य प्रणाली को देखकर हत्याकांड का खुलासा होने की संभावना पर अब संशय लग रहा है। जबकि अगर डाक्टर्स की सुरक्षा के मुद्दे को देखे तो यहां भी पुलिस का रवैया डाक्टर्स के साथ घटना या हंगामे के बाद आरोपियों की तरह ही होती है।

हत्यारोपी पकड़े जाने की अफवाह

डॉ। बंसल हत्याकांड में सोमवार को उस समय हड़कंप मच गया। जब गोरखपुर में एसटीएफ द्वारा हत्यारोपियों के पकड़े जाने की अफवाह वायरल होने लगी। देखते ही देखते हर तरफ इसको लेकर चर्चा होती रही। हालांकि इस बात की अधिकारिक पुष्टि आखिर तक नहीं हो सकी। एसटीएफ इलाहाबाद इकाई सीओ प्रवीण सिंह चौहान ने बताया कि यह सिर्फ कोरी अफवाह है। फिलहाल ऐसी कोई जानकारी नहीं हो सकी है।

डॉ। बंसल हत्याकांड का खुलासा जल्द से जल्द होना चाहिए। जहां तक बात डाक्टर्स की सुरक्षा की है। वहां ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। जिससे डाक्टर्स में सुरक्षा की भावना बनी रहे।

डॉ। त्रिभुवन सिंह

हाईप्रोफाइल मामला होने के बाद भी जांच में बरती जा रही ढिलाई डाक्टर्स के अंदर डर बढ़ा रही है। आज डाक्टर्स पेशेंट देखने से ज्यादा अपनी सिक्योरिटी को लेकर आशंकित है।

डॉ। युगांतर पाण्डेय

सूबे की चर्चित हस्ती होने के बाद भी अभी तक डॉ। बंसल हत्याकांड में कोई सुराग नहीं मिल पाना अपने आप में सोचने का विषय है। आखिर पुलिस को अभी तक हत्यारोपी तो दूर किसी संदिग्ध की गिरफ्तारी करने में भी सफलता नहीं मिली।

डॉ। बीके मिश्रा