डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम10 जुलाई 2013 को IIT BHU के कन्वोकेशन में स्टूडेंट्स से कुछ यूं हुए थे मुखातिब

VARANASI

काका कलाम ने स्टूडेंट्स को नए भारत के निर्माण का संकल्प दिलाया और उनमें देश, समाज व खासकर गांवों के विकास के लिए काम करने का जज्बा भी भरा। खचाखच भरे स्वतंत्रता भवन ऑडिटोरियम में उन्होंने कहा कि साइंस एंड टेक्नोलॉजी को गांव-गांव तक पहुंचाना होगा, तभी हम डेवलप्ड कंट्रीज की जमात में खुद को शामिल करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक्सीलेंस कोई एक्सिडेंट नहीं है जो अचानक घटित हो जाये। यह एक प्रॉसेस है, जिसे अपनी लगन, काबिलियत और मेहनत की बदौलत हासिल करना पड़ता है।

Problems को हराएं

उन्होंने कहा कि हमारे सामने भारत को एक विकसित देश बनाने का एक बहुत बड़ा मिशन है। एग्रीकल्चर एंड फूड प्रोसेसिंग, क्वालिटी पावर, देश में समुचित यातायात के साधन, एजुकेशन एण्ड हेल्थकेयर, इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी और क्रिटिकल टेक्नोलॉजिक्स जैसे कुछ खास एरियाज हैं जिनमें हम सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। ये सभी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि आपको ऐसी सोच डेवलप करनी होगी कि कोई भी प्रॉब्लम मुझे हरा नहीं सकती। मैं सभी प्रॉब्लम्स का कैप्टन हूं। उन्होंने कहा कि प्रॉब्लम्स को हराओ और जीत हासिल करो। आप उन प्रॉब्लम्स को दूर करने की दिशा में काम करें जिसे पूरी दुनिया आज फेस कर रही है। इन प्रॉब्लम्स में वॉटर, एनर्जी, वेस्ट मैनेजमेंट और एनवायरमेंट शामिल हैं। आप सभी इंजीनियर्स हैं और सांइस व टेक्नोलॉजी के उपयोग से इन प्रॉब्लम्स को दूर कर सकते हैं।

अपने आप पर भरोसा करो

उन्होंने कहा कि यह तय कर लें कि 'मैं कर सकता हूं, हम कर सकते हैं और राष्ट्र कर सकता है'। हमारा यही संकल्प देश को एक बेहतर दिशा दे सकेगा। उन्होंने अपने एक संस्मरण के हवाले से कहा कि अपने आप पर भरोसा करने से ही तुम पूरी दुनिया के सामने भारत का राग गा सकते हो। उन्होंने ख्0ख्0 के इंडिया के बारे में कहा कि वह एक ऐसा देश होगा जहां गांव और शहर के बीच अंतर एक पतली लाइन से व्यक्त किया जायेगा। वह एक ऐसा देश होगा जहां पावर व वॉटर सभी को उपलब्ध होगा। वह देश साइंटिस्ट, स्कॉलर्स और इनवेस्टर्स के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन होगा।