- पिता ने 15 दिनों पहले भी याद दिलाई थी कि 2006 में ही आंख को आई बैंक पीएमसीएच और को दान कर दिया

- पटना मेडिकल कॉलेज में आई बैंक 1984 से है पर यहां सिस्टम नाम की कोई चीज नहीं

PATNA : पीएमसीएच प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के एक्स प्रोफेसर डॉ। एसएल मंडल नहीं रहे। उनका नहीं रहना इतिहास बना गया। हिस्ट्री इसलिए कि आई डोनेट का सपना अधूरा रह गया। सरकार फेल कर गई। हिस्ट्री इसलिए भी कि बेटे ने तमाम खामियों और विरोधों के बावजूद पिता के कहने अनुसार उनकी डेडबॉडी को पीएमसीएच के एनाटॉमी डिपार्टमेंट को सौंप दिया। डॉ। मंडल ने क्भ् दिनों पहले अपने बेटों को याद दिलाई थी कि उन्होंने ख्00म् को ही अपनी आंख को स्वैच्छिक रूप से आई बैंक पीएमसीएच को और शरीर पीएमसीएच के ही एनाटॉमी डिपार्टमेंट को दान स्वरूप दे दी है। इसलिए मेरी डेडबॉडी का मोह मत करना। ये मेडिकल स्टूडेंट्स के रिसर्च के लिए है। मेरी दोनों आंखों से मेरे मरने के बाद दो ब्लाइंड लोगों को रोशनी भी मिल सकेगी।

हम थक गए, सब से कहा आई को बचा लो

डॉ। मंडल के बेटे अरविंद कुमार ने कहा कि मेरे पिता जी का निधन रविवार को ढाई बजे दिन में हुआ और तीन बजे से लेकर रात ग्यारह बजे तक हमने सब को फोन किया। पीएमसीएच के प्रिसिंपल, सुपरिटेंडेंट, हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी तक को। आईजीआईएमएस से सेक्रेटरी ने संपर्क किया, पर कुछ नहीं हुआ। समय बीतता गया और हम हार गए। पिता के सपने को पूरा नहीं कर पाए। पिता के नहीं रहने का हमें दुख है पर इससे ज्यादा दुख इस बात का है कि उनकी इच्छा के अनुरूप आई डोनेट नहीं हो सकी। उनकी दोनों आंखें बेकार चली गईं, जबकि वे चाहते थे उनकी आंखें दो ब्लाइंड लोगों को रोशनी दे। इसलिए ख्00म् में ही उन्होंने सरकार को इस बारे में लिखित सूचना दे दी थी। लेकिन हम क्या कर सकते हैं। हमने उनकी बॉडी पीएमसीएच के एनाटॉमी डिपार्टमेंट को पहुंचा दी। हमने सिर्फ दाह संस्कार नहीं किया है पर बाकी सारे कार्यक्रम परंपरा के अनुसार करेंगे। सिम्बॉलिक मुखाग्नि भी मैंने दे दी।

एनाटॉमी का हाल देख भड़क गए

डॉ। मंडल के साले चीनी लाल मंडल ने एनाटॉमी डिपार्टमेंट का बेहाल हाल देखा तो भड़क गए। कहा पहली बात यह कि मेडिकल कॉलेज दोषी है जो आंख को नहीं बचा पाया और अब हाल देख लीजिए एनाटॉमी का। डेडबॉडी को रखने की व्यवस्था ही यहां ठीक नहीं है। पटना मेडिकल कॉलेज में आई बैंक क्98ब् से है पर इसमें सिस्टम नाम की कोई चीज ही नहीं है। इस संबंध में आई डिपार्टमेंट के हेड यूपी सिन्हा से बात की गई तो उन्होंने डॉ। अशोक चौधरी से बात करायी। डॉक्टर ने बताया कि पीएमसी में भले ही क्98ब् से आई बैंक है पर ये फंक्शन नहीं कर रहा है। सरकार का ध्यान आईजीआईएमएस और राजेन्द्र नगर हॉस्पीटल में आई बैंक खोलने की है। ऑर्गन ट्रांसप्लांट एक्ट तो पास हो गया पर बैंक नहीं काम कर रहा।