- मेडिसन डिपार्टमेंट के हेड से लिया इस्तीफा

Meerut : इंटर्न डॉक्टर की मौत पर मेडिकल प्रशासन की लीपापोती शुरू हो गई है। जहां एक ओर अधिकारी जांच कमेटी बनाने की बात कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जेडी और इंटर्न के बीच की राजनीति शुरू हो गई है। वहीं इस घटनाक्रम के बाद मेडिसिन डिपार्टमेंट के एचओडी से इस्तीफा भी ले लिया गया है।

कब बनेगी जांच कमेटी

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल केके गुप्ता ने कहा कि प्रो। तुंगवीर आर्या के खिलाफ जिस तरह से आरोप लगाए गए हैं उसकी जांच के लिए कमेटी बनाई जाएगी। लेकिन ये जांच कब बनेगी इस बारे में प्रिंसिपल ने कुछ कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा डॉ। आर्या एक सीनियर डॉक्टर हैं। उनके खिलाफ जांच कोई उनसे भी सीनियर डॉक्टर करेगा। जोकि अभी हॉस्पिटल में नहीं है।

डॉ। आर्या का इस्तीफा

वहीं प्रिंसिपल केके गुप्ता की ओर से मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड डॉ। तुंगवीर आर्या ये डिपार्टमेंट हेड के पद से इस्तीफा ले लिया है। डॉ। गुप्ता का कहना है कि प्राइम ऑफ फेसी के आधार पर उनसे इस्तीफा ले लिया है। बाकी की कार्रवाई जारी है। जो भी हॉस्पिटल में हुआ काफी दुखद और निंदनीय है। इसके लिए सभी लोग जिम्मेदार हैं।

सभी को चेताया

जूनियर डॉक्टर के खिलाफ मारपीट होने के बाद सभी ने हड़ताल करने की घोषणा कर दी थी। जिस पर इंटर्न डॉक्टर ने ओपीडी और इमरजेंसी में काम करने का बीड़ा उठाने की बात कह दी। जिसके बाद जेडी बैकफुट पर आ गए और हड़ताल नहीं की। इस एपिसोड के बाद प्रिंसिपल ने सभी डॉक्टर्स से साफ कह दिया है कि कोई भी ड्यूटी के टाइम पर बाहर नहीं होगा। इसके लिए पूरी इंस्पेक्शन किया जाएगा। डॉ। गुप्ता ने बताया कि ओपीडी और इमरेजेंसी में कुल 26 कैमरे लगा दिए गए हैं, जो सभी को वॉच करेंगे।

जेडी ने प्रिंसिपल को सौंपा ज्ञापन

उसके बाद जूनियर डॉक्टर्स की एसोसिएशन ने कल घटना को लेकर प्रिंसिपल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने अपनी चार मांगें रखी।

- ईएमओ डॉ। सचिन कुमार पर आरोप लगाया कि उन्होंने इंटर्न डॉक्टर्स को हमारे खिलाफ भड़काने की कोशिश की है। जिससे शुक्रवार को माहौल खराब हुआ। इसलिए उनका ट्रांसफर कर दिया जाए। साथ ही 24 घंटे भी उनका कॉलेज कैंपस से निष्कासन किया जाए।

- दुघर्टना के बाद सक्रिय इंटर्न डॉक्टर्स सौरभ अहलावत, मो। कलीम, अंकुर कुमार, नैय्यर आजम, दिवाकर सिंह, देवेश यादव, अमित जायसवाल, सुनील सिंह, का तत्काल निलंबन किया जाए।

- डॉ। पारस वर्मा जोकि एमबीबीएस 2009 बैच के हैं, असंवैधानिक रूप से कॉलेज कैंपस में रहते हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए कैंपस से बाहर किया जाए।

नहीं बताया कि वो इंटर्न था

इस पूरे मामले में मेडिसिन डिपार्टमेंट के एचओडी तुंगवीर आर्या को सबसे बड़ा दोषी माना जा रहा है। इस मामले में जब आई नेक्स्ट रिपोर्टर की डॉ। आर्या से बात हुई तो उन्होंने कहा कि मैं भी इस घटना से काफी सदमे में हूं। इस हॉस्पिटल में मैं काफी सीनियर और अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से समझता हूं। जब वो मेरे पास लेकर आए तो उन्होंने मुझे इस बात की जानकारी नहीं दी कि वो कॉलेज का इंटर्न है। दूसरी बात ये भी नहीं बताया गया कि वो काफी सीरियस है। अगर मुझे बताया जाता तो मैं सभी काम छोड़कर उस डॉक्टर का इलाज करता।

इस पूरे मामले की जांच की जाएगी। जांच कमेटी के लिए सीनियर डॉक्टर्स को तलाशा जा रहा है। ताकि जांच में निष्पक्षता लाई जा सके। बाकी जो हुआ वो काफी शर्मनाक था।

- डॉ। केके गुप्ता, प्रिंसिपल, एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज

हमें भी इंटर्न डॉक्टर की मौत का ज्यादा दुख है। लेकिन जिस तरह से इंटर्न डॉक्टर्स को हमारे खिलाफ भड़काकर हमला कराया गया है वो ठीक नहीं है। हमने प्रिंसिपल से बात की है।

- डॉ। अंकित वर्मा, जूनियर डॉक्टर

नहीं की ड्यूटी, भटकते रहे मरीज

जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार रात हुई मारपीट को लेकर शनिवार को सुबह अघोषित हड़ताल कर दी। उन्होंने महज इमरजेंसी वार्ड में डयूटी की, जबकि अन्य 15 वार्डो से वह नदारद रहे। सुबह ओपीडी से लेकर जांच एवं ऑपरेशन में भी भारी बाधा पहुंची।