आपके घरों और लाकरों में बंद पड़ा सोना अब आपके लिए कमाई का जरिया बन सकता है. केंद्र सरकार ने बजट की घोषणा के मुताबिक घरों, मंदिरों और संस्थानों में जमा सोने का इस्तेमाल देश की अर्थव्यवस्था में करने के लिए गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम का मसौदा जारी किया है. इस स्कीम के तहत न्यूनतम 30 ग्राम तक सोना बैंकों में जमा किया जा सकेगा. इस पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से करमुक्त होगा.

वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा का कहना है कि यह एक अनूठी योजना है. इसमें भाग लेकर जनता न सिर्फ खुद ब्याज के रूप में मुनाफा कमा सकेगी, बल्कि इसके जरिये देश के विकास में भी योगदान कर सकेगी. माना जाता है कि भारतीयों के घरों, मंदिरों वगैरह में 20,000 टन से ज्यादा सोना पड़ा हुआ है. इसकी कीमत तकरीबन 60 लाख करोड़ रुपये है. भारतीय हर वर्ष लाखों करोड़ रुपये का सोना खरीदते हैं. इसके लिए 800-1,000 टन सोना आयात किया जाता है. मगर इसका आर्थिक तौर कोई इस्तेमाल नहीं होता.

क्या होगी जमा करने की प्रक्रिया

स्कीम के ब्योरे के मुताबिक सोना जमा कराने वालों को कम से कम एक वर्ष के लिए बैंकों में स्वर्ण बचत खाता खोलना होगा. सोना जमा करने से पहले उसकी जांच की जाएगी. यह जांच सरकार की तरफ से सत्यापित एजेंसियों के जरिये होगी. सत्यापन के बाद ग्राहक को एक प्रमाणपत्र दिया जाएगा. जमा किए गए सोने पर 30 या 60 दिनों के अंतराल पर ब्याज देय होगा. ब्याज बतौर नकदी या सोने के तौर पर ही लिया जा सकता है. मसलन अगर कोई व्यक्ति 100 ग्राम सोना जमा कराता है और इस पर एक फीसद ब्याज होता है तो परिपक्वता अवधि के बाद उसके खाते में 101 ग्राम सोना जमा हो जाएगा. अब उस व्यक्ति पर निर्भर करेगा कि ब्याज को वह सोने के तौर पर लेना चाहता है या नकदी के तौर पर. मसौदा पत्र में कहा गया है कि यह स्कीम आम जनता के साथ एजेंसियों के लिए होगी. लेकिन एजेंसियां कौन सी होंगी, यह नहीं बताया गया है. माना जा रहा है कि सरकार की मंशा धीरे-धीरे स्कीम का विस्तार कर इसमें मंदिरों वगैरह को भी शामिल करने की है.

 

मंदिरों में पड़ा बहुत सोना

एक-एक मंदिर के पास सैकड़ों टन सोने के गहने, सिक्के वगैरह पड़े हुए हैं. बैंकों को छूट दी गई है कि वह सोने को बतौर नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) या वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं. यानी बैैंकों को कुल जमा राशि का एक हिस्सा केंद्रीय बैंक के जमा रखना होता है. अब यह हिस्सा बतौर सोना भी जमा कराया जा सकता है. बैंक स्वर्ण जमा स्कीम के तहत प्राप्त सोने को विदेश में जमा करा विदेशी मुद्रा में लोन हासिल कर सकते हैं. साथ ही इसे निर्यातकों या आयातकों को बतौर कर्ज दे सकते हैं. बैंक ग्राहकों से जमा सोने को सिक्कों में ढालकर उसका व्यावसायिक इस्तेमाल कर सकते हैं.

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