AGRA (26 March): यूं तो एकलव्य स्टेडियम प्रशासन जगह की कमी का हवाला देता रहता है, लेकिन यहां एक प्रोजेक्ट ऐसा भी है स्टेडियम की आंख का नासूर बनकर बैठा है। एकलव्य स्टेडियम को क्रिकेट में रणजी मैचों की मेजबानी दिलाने के लिए यहां एक ग्रीन रूम बनाया गया है लेकिन टूर्नामेंट मिलने की बात तो दूर, बनने के बाद यह ग्रीन रूम उपयोग तक नहीं आ पाया। जबकि इसे बनाने में स्टेडियम प्रशासन ने तीन करोड़ रुपए तक खर्च कर डाले। इसका कोई उपयोग नहीं हो रहा, जबकि स्टेडियम प्रशासन जगह की कमी होने की दुहाई दे रहा है जिससे यहां दूसरे खिलाडि़यों के लिए प्रैक्टिस की जगह नहीं बन पा रही।

मानक पूरे करने के लिए बनाया ड्रेसिंग रूम

एकलव्य स्टेडियम को रणजी मैचों की मेजबानी दिलाने के लिए वर्ष 2008 में यह ग्रीन रूम बनाया गया। बीसीसीआई की बोर्ड ट्रॉफी मैच की मेजबानी के लिए कुछ मानक पूरे करने आवश्यक होते हैं। मानक के अंतर्गत स्टेडियम में कमेंटेंटर बॉक्स, मीडिया रूम और चेंजिंग रूम होना आवश्यक है जो इस बिल्डिंग में है।

नहीं रखा दूसरे मानकों का ध्यान

स्टेडियम प्रशासन ने इस मानक को पूरा करने के लिए तो ध्यान लगाया लेकिन स्टेडियम में और दूसरे मानकों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। स्टेडियम में बीसीसीआई की कमेटी ने दौरा भी किया लेकिन उन्होंने पूरे स्टेडियम को ही रणजी मैचों की मेजबानी के लिए उपयुक्त नहीं माना। उन्होंने स्टेडियम में और भी खामियां निकाल दी। मैदान की परिधि में आ रहे वॉलीबॉल के मैदान और अन्य खामियों के कारण एकलव्य स्टेडियम को रणजी मैचों की मेजबानी न मिल सकी।

सचिन-कांबली जैसे प्लेयर्स ने लगाए हैं चौके-छक्के

एकलव्य स्टेडियम में नामी क्रिकेट प्लेयर्स खेलें हैं। स्टेडियम में हई शहीद स्मृति ट्रॉफी में सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली जैसे खिलाडि़यों ने चौके-छक्के लगाए हैं। वहीं, इंडिया-पाकिस्तान के बीच वैटर्न मैच, कूच बिहार जैसे बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी एकलव्य स्टेडियम कर चुका है। अंतिम बार 2006 में अंडर-23 यूपी और विदर्भ के बीच मैच खेला गया था, इसके बाद स्टेडियम में छोटे-मोटे क्रिकेट टूर्नामेंट ही होते हैं।