- सिटी के विभिन्न चौक-चौराहों पर ठेले पर जूस के रूप में बिक रहा है रोटा वायरस

- पीने से डायरिया, उल्टी व दस्त जैसी गंभीर बीमारियों का है खतरा

GORAKHPUR: गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। इस मौसम में पेय पदार्थो की डिमांड बढ़ जाती है। धूप से बचने के लिए लोग गन्ने का जूस देखते ही लपक पड़ते हैं। यदि आप भी यही करते हैं तो सावधान हो जाइए। चौक-चौराहों पर ठेले पर जो जूस आप हेल्दी होने के लिए पी रहे हैं वह आपको बीमार कर सकता है। जी हां, आप जूस के रूप में 'रोटा वायरस' पीने जा रहे हैं। इसके पीने से न सिर्फ डायरिया, हैजा जैसी गंभीर बीमारियां होती हैं बल्कि यह मौत का सबब तक बन सकती हैं। अप्रैल के सिर्फ इन चार दिनों में 35 लोग संक्रमण अस्पताल में पहुंचे हैं।

इस जूस से बनती नहीं, बिगड़ती है सेहत

गर्मी की दस्तक के साथ ही चौक-चौराहों पर जूस वाले ठेले की संख्या भी बढ़ गई है। इन ठेलों पर आप जाते तो हैं अपनी सेहत बनाने लेकिन कई बार यह जूस आपकी सेहत का दुश्मन बन जाता है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है वैसे-वैसे लोगों को मेंजूस की तलब उठती है, लेकिन यह जूस इतने हाइजेनिक तरीके से तैयार किये जाते हैं कि यह खतरनाक हो जाते हैं।

रोटा वायरस

- रोटा एक ऐसा वायरस है जिससे संक्रमित बीमारियां होती हैं। इसका आकार व्हील के समान होता है इसलिए इसे रोटा वायरस कहा जाता है।

- इस वायरस से डायरिया जैसी घातक बीमारी हो सकती है।

- यह सबसे ज्यादा शिशुओं और बच्चों में होता है।

- इसका प्रभाव तीन वर्ष तक के बच्चों में बड़ी ही तेजी के साथ होता है।

- रोटा वायरस डायरिया के अतिरिक्त तेज बुखार, उल्टी व दस्त पैदा करता है और बड़े ही तेजी से डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम होती है।

(जैसा कि डीडीयूजीयू जूलोजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। रविकांत उपाध्याय ने बताया)

इस तरह फैलता है यह वायरस

रोटा वायरस बड़ी तेजी से फैलता है, खासकर बच्चों में। गंदे हाथों से खाद्य पदार्थो का उपयोग करने से संक्रमण अधिक तेजी से फैलता है। इसका संक्रमण सांसों से भी होता है। कुछ कीट, मक्खियां गंदे स्थानों पर बैठती हैं और फिर खुले खाद्य पदार्थो पर। इसके जरिए वायरस खुले में प्रयोग हो रहे खाद्य पदार्थो गन्ने के जूस, आम के जूस, गाजर व चुकंदर के जूस आदि द्वारा मनुष्य व बच्चों में पहुंच जाता है।

इस तरह हो सकती मौत भी

इस वायरस के पांच से दस छोटे पार्टिकल्स ही विभाजन एवं विखंडन द्वारा बड़ी तेजी से बढ़ते हैं और हजारों की तादाद में हो जाते हैं। यह रोटा वायरस गैस्ट्रो एंट्रीटिस, उल्टियां, जलीय डायरिया और बुखार पैदा कर देता है। शरीर में काफी तेजी से पानी की कमी होने लगती है। इसके साथ ही साथ इलेक्ट्रोलाइट्स के प्लाज्मा में कमी होने जाने से मरीज की मौत भी हो जाती है।

इसके लक्षण

- बहुत तेज प्यास लगना

- मुंह और गला सुखना

- खड़ा न हो पाना

- यूरीन में रुकावट

इस तरह बच सकते हैं

- बाहरी खाद्य पदार्थ को एवॉयड करें।

- संक्रमण होने पर फौरन डॉक्टर को दिखाएं।

- उसके बाद डायग्नोसिस कराएं।

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कॉलिंग

दिन में काफी धूप थी। चौराहे पर गन्ने की जूस पी ली। घर तक पहुंचते-पहुंचते डिहाइड्रेशन शुरू हो गया। जांच कराने पर डॉक्टर ने बताया कि कॉलरा हो गया है।

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डॉ। मीनाक्षी जॉन, एचओडी, कंप्यूटर साइंस, सेंट एंड्रयूज

ठेले वाला एक ही पॉट में दिनभर जूस बनाता रहता है लेकिन एक दोस्त के कहने पर पी लिया। तबीयत बिगड़ गई। दवा लेकर आराम कर रहा हूं।

- मो। रेहान, स्टूडेंट

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गर्मी बढ़ने के साथ बढ़ते गए मरीज

जनवरी- 145

फरवरी- 170

मार्च- 195

4 अप्रैल तक- 35