-यूनिसेफ ने बीसीबी के प्रोफेसर्स के साथ मिलकर किया सर्वे

-80 जगहों से लिया गया 200 हैंडपंपों का सैंपल, 60 फीसदी फेल

BAREILLY :

बरेली और मुरादाबाद का पानी पीने योग्य नहीं रहा। जमीन से 80 फीट नीचे भी पानी में खतरनाक बैक्टीरिया पाया गया है, जिससे जानलेवा बीमारियां होने का खतरा है। यह खुलासा यूनिसेफ और बरेली कॉलेज के बॉयोटेक डिपार्टमेंट की प्रो। त्रिपिता वर्मा और बॉटनी डिपार्टमेंट के प्रो। आलोक खरे द्वारा किए गए सर्वे में हुआ है। प्रोफेसर्स ने बरेली और मुरादाबाद में 80 स्थानों पर 200 हैंडपंपों के पानी का सैंपल लिया था। जांच में 60 फीसदी सैंपल फेल हुए हैं। एक्सप‌र्ट्स का मानना है कि सीवरेज का पानी जमीन में काफी नीचे तक जा रहे है, जिससे पानी में खतरनाक बैक्टीरिया की मौजूदगी पायी जा रही है।

पानी में ई-कोलाई बैक्टीरिया

यूनिसेफ ने रुहेलखंड में ग्राउंड वॉटर का स्टेटस प्रोजेक्ट के तहत बरेली और मुरादाबाद के हैंडपंपों के पानी टेस्ट की जिम्मेदारी बरेली कॉलेज के बीएससी बॉयोटेक डिपार्टमेंट के प्रो। डॉ। त्रिपिता वर्मा और बॉटनी डिपार्टमेंट के प्रो। आलोक खरे के साथ सर्वे किया। लास्ट ईयर अक्टूबर और नंवबर में बरेली और मुरादाबाद के 80 जगहों के 200 हैंडपंप के पानी का सैंपल लिया। सैंपल की जांच में पता चला पानी में ई-कोलाई बैक्टीरिया पाया गया है, जिससे कोलायटिस, पीलिया और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं.प्रो। आलोक खरे ने बताया यह बैक्टीरिया मल-मूत्र में पाया जाता है। सीवरेज का पानी जमीन के अंदर पहुंचने के कारण पीने का पानी दूषित हो रहा है। इसलिए पानी के सैंपल फेल हुए हैं।