राजधानी में कई जगहों पर लिकेज होने से सड़क तक छू रहा है पानी का लेवल

- घरों में पहुंच रहा गंदा पानी, तो सड़कें भी होती जा रहीं खराब

- चार फीट के बदले पंद्रह से बीस फीट नीचे तक है पाइपलाइन

PATNA: तीन दिन पहले बोरिंग रोड एरिया में पाइप लिकेज होने से जब सड़क खराब होने लगी, तो पथ निर्माण डिपार्टमेंट ने कंप्लेन की। इसके बाद वाटर बोर्ड की टीम सड़क के नीचे की लिकेज पाइप की मरम्मती करने ऑन द स्पॉट पहुंची। तीन घंटे की खुदाई के बाद भी जब सप्लाय वाटर पाइप लाइन नहीं मिला, तो सभी हैरान रह गए, पर अंदर जाने की हिम्मत किसी में नहीं हुई। हारकर कर्मियों ने जूनियर इंजीनियर से बात की, तब इंजीनियर ने बताया कि दो फीट और गड्ढा कर देखा जाए। सात फीट नीचे गड्ढा करने से कर्मियों ने इनकार कर दिया, जिसके बाद जेसीबी मशीन लगाई गई।

हर घंटे दो से तीन फीट की गहराई

जेसीबी मशीन को पहले तीन फीट, फिर दो फीट, फिर तीन फीट गड्ढा करने के लिए कहा गया, पर हैरत तब हुई जब 15 फीट नीचे जाने के बाद पता चला कि अंदर में पानी भरा हुआ है। इसके बाद दो दिन तक सप्लाय वाटर को बंद करवाया गया। और नीचे जाकर रस्सी की मदद से कर्मियों ने बीस फीट की गहराई पर सप्लाय वाटर की पाइप को दुरुस्त की, तभी वाटर सप्लाय संभव हो सका। जूनियर इंजीनियर विनोद तिवारी ने कहा कि बीस फीट खुदाई करने के बाद लिकेज मरम्मत की गई।

सप्लाय वाटर मिलना भी मुश्किल

इस बीच वाटर बोर्ड ने एक्सपर्ट की टीम तैयार कर शहर के विभिन्न सड़कों के नीचे पाइप लाइन की जांच करवाया, जिसमें पता चला कि मेन रोड के नीचे पूरी की पूरी पाइप लाइन बिछी हुई है। वह भी 15 से 20 फीट नीचे। टीम ने बताया कि एक माह से चितकोहरा पुल के नीचे की लिकेज की मरम्मती भी ठीक से नहीं हो पा रही है, क्योंकि इसके लिए ओवर ब्रिज को तोड़कर ही आगे निकलना होगा। यही स्थिति अनीसाबाद व गर्दनीबाग एरियमें है।

Highlights

सड़क की स्थिति और होगी बदतर

इंजीनियर राजीव कुमार ने बताया कि पाइप में लिकेज होने से चार से पांच फीट पानी जमा हो जाएगा। इससे सड़क धंसने का डर रहता है, इसलिए पाइप को वहां से निकाल देना चाहिए या सड़क के नीचे पानी जमा नहीं होने देना चाहिए।

12 से 1 बजे तक पानी पर लगे रोक

एक्सपर्ट मानते हैं कि 12 से एक बजे के बीच सप्लाय बंद कर देने से पूरे तीन घंटे पानी की बचत होगी। इस दौरान लिकेज की प्रॉब्लम भी दुरुस्त की जा सकती है और सड़क की खुदाई भी। जानकारी हो कि 1 से 3 बजे तक वाटर सप्लाय बंद रहता है।

एक दिन में चार फीट की खुदाई

पाइप मेनटेनेंस करने वाली टीम में तीन मजूदर होते हैं, जो तीन घंटे लगातार काम करें तो भी तीन से चार फीट से अधिक गहराई एक दिन में नहीं कर सकते हैं। इसके बाद जमीन धंसने का डर रहता है।

Past history

दबने से एक लेबर की हुई थी मौत

वाटर बोर्ड कर्मी नवीन पुलिस केंद्र के समीप लिकेज ठीक करने पांच फीट नीचे उतरे थे, तभी अचानक मिट्टी धंसने से वह अंदर दब गया और उसकी डेथ हो गई।

The other side

दिल्ली, मुंबई व गुजरात से भी अधिक गहराई

एक्सपर्ट बताते हैं कि सप्लाय वाटर पाइप की गहराई मैक्सिमम चार फीट होनी चाहिए। दिल्ली, मुंबई और गुजरात में भी तीन-चार फीट गहराई है, लेकिन पटना में मिनीमम दस फीट नीचे पाइप है।

कितनी गहराई में है पाइपलाइन

बोरिंग रोड चौराहा से एएन कॉलेज - ख्0 फीट

बोरिंग रोड चौराहा से पटना हाईकोर्ट - क्ख् फीट

चितकोहरा पुल के नीचे - क्भ् फीट

गांधी मैदान से अशोक राजपथ - क्0 से क्भ् फीट

गाया लाइन गुमटी एरिया - क्0 फीट

भिखारी ठाकुर पुल से मीठापुर पुल - क्भ् फीट

बेली रोड मेन रोड जगदेव पथ तक - क्भ् से ख्0 फीट

इनकम टैक्स से आर ब्लॉक चौराहा - क्0 से क्भ् फीट

वीआईपी एरिया बेली रोड टू हार्डिग रोड - 8 से क्0 फीट