वर्कशॉप से नहीं निकाले वाहन, नगर आयुक्त ने सुनी समस्या

वर्ष 2011 से 2014 तक के ठेकेदारों ने नहीं जमा किया ईपीएफ

फीरोजाबाद: नगर पालिका (अब नगर निगम) कार्यकाल में खूब गड़बड़झाला हुआ। ठेकों में अनियमितताएं हुईं और ठेका कर्मचारियों के हितों पर भी कुठाराघात भी हुआ। वर्ष 2011 से 2014 तक कई ठेकेदार रहे, लेकिन कुछेक को छोड़ अधिकांश ने ठेका कर्मियों का ईपीएफ जमा नहीं किया। कई बार चालकों ने अपनी समस्या को उठाया, लेकिन अधिकारी ईपीएफ नहीं दिला सके।

शनिवार सुबह करीब सात बजे चालक नगर निगम वर्कशॉप पहुंचे। सभी एकत्र हुए और कार्य बहिष्कार करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। वाहनों के वर्कशॉप से न निकलने पर सफाई व्यवस्था प्रभावित हुई। कर्मचारियों का कहना था कि उनका कई साल से ईपीएफ जमा नहीं किया गया है। सूचना पर अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार यहां पहुंचे और सहायक अभियंता एहसानउलहक, अवर अभियंता मुंशीलाल वर्मा से मामले की जानकारी की। बाद में वाहन चालकों से वार्ता की। वाहन चालकों ने बताया कई साल से ईपीएफ जमा नहीं किया है। बाद में उन्हें समझा-बुझाकर काम पर जाने को राजी कर लिया। इस मौके पर मुख्य रूप से सभी वाहन चालक और नगर निगम स्टाफ मौजूद रहा।

आवश्यक सेवाएं ठप की तो कार्रवाई-नगर आयुक्त

नगर आयुक्त राम औतार रमन को चालकों द्वारा काम न किए जाने की खबर हुई तो वह तत्काल वर्कशॉप पहुंचे। यहां उन्होंने पहले गेट बंद कराया। इसके बाद नायब बेग से पूछा कि वर्कशॉप का गेट किसने बंद किया। बताया गया गेट बंद नहीं किया था, केवल किसी चालक ने किबाड़ लगा दिए थे। इस पर नाराजगी जताई। इसके बाद चालकों से कहा सफाई व्यवस्था प्रभावित करना आवश्यक सेवाओं में आता है। अगर किसी ने पुन: ऐसा किया तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। साथ ही कहा जिसे काम करना है, वह करे और जिसे नहीं करना है वह अपने घर जाए। वह बोले पहले क्या होता रहा है, यह सबको मालूम है। अब सभी व्यवस्थाएं नियमानुसार हो रही हैं, फिर भी हंगामा हो रहा है। उन्होंने कहा अगर किसी चालक या अन्य कर्मचारी को कोई समस्या है तो वह उनसे मिल सकता है, आवश्यक सेवाएं ठप करने पर कार्रवाई होगी।