BAREILLY: स्मार्ट ड्राइविंग लाइसेंस में करेक्शन कराने का बोझ अब अप्लीकेंट्स पर नहीं पड़ेगा। बल्कि, एक्स्ट्रा फीस सिस्टम में डिटेल फीड करने वाले कर्मचारियों से वसूल की जाएगी। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में मंडे को 'गलती आरटीओ ऑफिस की सजा भुगत रहे अप्लीकेंट्स' शीर्षक से छपी खबर को संज्ञान में लेते हुए एआरटीओ प्रशासन ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।

 

जल्दबाजी में भर देते हैं गलत डिटेल

ज्यादा से ज्यादा आवेदन का निस्तारण करने के लिए अक्सर सिस्टम पर बैठे कर्मचारी जल्दबाजी में कम्प्यूटर में गलत नाम, पता फीड कर देते हैं। लिहाजा, स्मार्ट ड्राइविंग लाइसेंस में गलत डिटेल ही प्रिंट हो जाती है। जब अप्लीकेंट आरटीओ ऑफिस करेक्शन कराने पहुंचता है, तो उससे करेक्शन फीस के नाम पर 400 रुपए लिए जाते हैं, जिसमें 200 रुपए स्मार्ट कार्ड के और 200 रुपए करेक्शन के होते हैं।

 

यदि, अप्लीकेंट्स ने ही फार्म पर आधी-अधूरी जानकारी या गलत नाम, पता भरा है, तो फिर 400 चार्ज अप्लीकेंट्स से ही किए जाएंगे। इस दशा में सिस्टम पर बैठे कर्मचारियों की गलती नहीं मानी जाएगी। बता दें कि अभी तक फार्म में सबकुछ सही होने के बाद भी कर्मचारी गलत फीड कर देते थे। जिसे सही कराने के लिए अप्लीकेंट्स पर 400 रुपए का एक्स्ट्रा बोझ पड़ रहा था। रोजाना 20 से 25 ड्राइविंग लाइसेंस करेक्शन के ही होते थे। ऐसे में इस नई व्यवस्था से लोगों को काफी हद तक राहत मिलेगी।

 

अक्सर कर्मचारियों की गलती की वजह से अप्लीकेंट्स परेशान होते थे। कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सिस्टम में डिटेल भरने के बाद एक बार अप्लीकेंट्स से चेक कराएं। सहूलियत के लिए अप्लीकेंट्स के सामने भी एक स्क्रीन हो इसकी व्यवस्था करें।

आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन