-लाइसेंस आवेदन के साथ ही देना होगा ट्रैफिक सवालों के जवाब

लर्निग लाइसेंस के लिए पहले लगते थे 120 रुपए अब लगेंगे 400 रुपए

DEHRADUN: अब लाइसेंस बनवाने के लिए जेब और ढीली करनी पड़ेगी। करीब चार गुना अतिरिक्त भुगतान करना होगा। जीएसटी लगने के कारण फीस में यह बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं परिवहन विभाग ने घर बैठे लाइसेंस बनवाने की सुविधा भी दी है।

परमानेंट के लिए देना होगा क्0ख्0

विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पहले लर्निग लाइसेंस के आवेदन के लिए क्ख्0 रुपये का भुगतान करना पड़ता था। एक माह बाद जब लाइसेंस बन जाता था तो उसे फ्70 का भुगतान करना पड़ता था। लेकिन अब पहले लर्निग लाइसेंस को बनवाने में ब्00 का भुगतान करना पड़ेगा, वहीं एक माह बाद परमानेंट लाइसेंस के लिए क्0ख्0 रुपये का भुगतान करना होगा। बता दें पहले के मुकाबले फीस अब चार गुना बढ़ चुकी है।

डाक के जरिए लाइसेंस आएगा घर

पहले लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदनकर्ता को आरटीओ दफ्तर के कई चक्कर काटने पड़ते थे। लेकिन अब घर बैठे ही लाइसेंस के लिए आवेदन किया जा सकता है। सबसे अच्छी बात लाइसेंस लेने के लिए भी अब विभाग जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लाइसेंस बनने के बाद दिए गए पते पर परिवहन विभाग द्वारा भेज दिया जाएगा। इससे आवेदनकर्ता को लाइसेंस के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और न ही आवेदनकर्ता का समय बर्बाद होगा। बता दें कि लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए ही आरटीओ जाना पड़ेगा। रिन्यू होने के बाद लाइसेंस दिए गए पते पर डाक द्वारा भेज दिया जाएगा।

सवाल के जवाब के बाद बनेगा लाइसेंस

परिवहन विभाग द्वारा लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया आसान तो कर दी गई, लेकिन चुनौती भी खड़ी कर दी है। और यह चुनौती है ट्रैफिक नियमों के सवालों का जवाब देना। यदि कोई इन सवाल के जवाब देने में फेल हो जात है तो लाइसेंस बनवाने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

फिंगर प्रिंट के लिए नहीं होना होगा पेरशान

अभी तक ऑनलाइन लाइसेंस आवेदन करने के बाद जहां आपकों फिंगर प्रिंटस के लिए लाइन में लगना पड़ता है। वहीं विभाग इस परेशानी से जल्द मुक्ति दिलाने जा रहा है। इसके लिए फिंगर प्रिंट को भी निजीकरण किये जाने की बात की जा रही है।

-लाइसेंस फीस में बढ़ोत्तरी हो चुकी है। पहले के मुकाबले अब लाइसेंस बनवाने के लिए चार गुना फीस चुकानी होगी। साथ ही अब प्रथम आवेदनकर्ता घर से ही लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है। वहीं ट्रैफिक नियमों के सवालों के जवाब न देने पर लाइसेंस नहीं बनेगा।

सुधांशु गर्ग, आरटीओ