- दस लाख में खरीदे गए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल शहर को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने के लिए अब तक नहीं हुआ

- एक माह पहले दी जा चुकी है ट्रैफिक पुलिस जवानों को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग

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स्वादिष्ट अचार बनने में समय लगता है लेकिन खाने में बड़ा मजा आता है। ट्रैफिक पुलिस विभाग भी इन दिनों एक स्पेशल अचार का बनाने में जुटा है। वो अचार है ड्रोन कैमरों का। तभी तो दस लाख रुपये खर्च करके खरीदे गए ड्रोन कैमरे से ट्रैफिक की निगरानी करते कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। जबकि इन्हें उड़ाने के लिए ट्रैफिक पुलिस के जवानों की ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है।

कब होगा शुरू

सवाल बड़ा है कि लाखों रुपये की लागत से खरीदे गए तीन ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल कब शुरू होगा। एसएसपी आकाश कुलहरि ने प्रतिकार यात्रा बवाल के बाद खरीदे गए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल ट्रैफिक पुलिस को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने के लिए करने को कहा है। इसके तहत पिछले दिनों छह ट्रैफिक पुलिस के जवानों को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग देने के लिए कम्पनी से स्पेशल ट्रेनर आया था। दावा था कि छह जवानों को ट्रेनिंग देने के बाद ट्रैफिक पुलिस के बाकि जवानों को भी ट्रेंड किया जायेगा ताकि बिजी चौराहों और खोदाई वाले इलाकों में ड्रोन से निगरानी कर ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलायी जा सके। यह प्लान तो बस प्लान बनकर ही रह गया है। अब तक एक बार भी ड्रोन कैमरा सड़क पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए नहीं निकल सका है। इस बारे में पूछे जाने पर एसएसपी का कहना था कि ड्रोन पुलिस विभाग के पास है जैसी जरूरत होगी वैसे उसका इस्तेमाल होगा। फिर चाहे वो क्राइम कंट्रोल हो या ट्रैफिक कंट्रोल।