--STF ने चौबेपुर में पकड़ा आसाम से लाए गए एक करोड़ के गांजा की खेप

-मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को किया arrest

-चेकिंग से बचने के लिए एम्बुलेंस से होती थी ड्रग्स की तस्करी

VARANASI

मरीजों को हॉस्पिटल पहुंचाने वाली एम्बुलेंस में ड्रग्स भरकर तस्करी करने का मामला शनिवार को सामने आया है। मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ ने ड्रग्स तस्करी में लिप्त इंटर स्टेट गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पांच तस्करों को दबोच लिया। उनके पास से एक करोड़ का गांजा और लाखों रुपये कैश बरामद किये गये हैं। तस्करी में इस्तेमाल होने वाली एम्बुलेंस और बोलेरो वाहन को भी जब्त कर लिया गया है। तस्करी गिरोह का नेटवर्क कई प्रदेश में फैला है। एसटीएफ इसे तोड़ने में लगी है।

आखिर मिल गयी कामयाबी

एसटीएफ को आन्ध्रप्रदेश, उड़ीसा, बिहार व आसाम से मादक पदार्थो की अंतरराज्यीय स्तर पर तस्करी करने वाले गिरोह के बनारस में सक्रिय होने की सूचना मिल रही थी। इसमें एक गिरोह द्वारा आसाम से भारी मात्रा में मादक पदार्थ की तस्करी कर उसकी सप्लाई आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर, बनारस में किये जाने की इंफॉर्मेशन मिली थी। शनिवार को आसाम से भारी मात्रा में गांजा चौबेपुर थाना क्षेत्र के ढ़कवा मोड़ के पास लाया जा रहा है। इस पर इंस्पेक्टर शैलेश प्रताप सिंह व विपिन राय के नेतृत्व में एसटीएफ टीम ने घेरेबंदी कर ली। कुछ देर बाद एक एम्बुलेंस आयी। उसमें से छोटे-छोटे पैकेट उतारकर पास में खड़ी एक पिकप गाड़ी में चार-पांच लोग रख रहे थे। टीम ने एम्बुलेंस और पिकअप गाड़ी को घेरकर पांच लोगों को पकड़ लिया। वाहनों की जांच में क्फ्ब् पैकेट्स में रखे 7फ्7 केजी गांजा बरामद हुआ। इसका कीमत एक करोड़ रुपये है। पकड़े गए लोगों के पास से 9,ब्ख्,000 नगद नए नोट भी बरामद किये गए हैं। इसके अलावा चार मोबाइल भी मिले। गिरफ्तार किए गए तस्कर आजगमढ़ निवासी त्रिवेणी गुप्ता, बंटी गुप्ता, श्रीनाथ यादव, आसाम निवासी अल्ताफ हुसैन, जाकिर हुसैन हैं।

सीट के नीचे था गोपनीय बॉक्स

मादक पदार्थो की तस्करी में इस्तेमाल होने वाली एम्बुलेंस को देखने पर पता चला कि सवारी गाड़ी को एम्बुलेंस में चेंज किया गया है। इस पर नीली बत्ती और हूटर भी लगाया गया था। मरीज की सीट के नीचे फर्श तथा आगे की तरफ कैविटी बनाकर गांजा रखा गया था। गिरफ्तार तस्करों ने बताया कि गिरोह काफी दिनों से मादक पदार्थो की तस्करी में लिप्त है। तथा गांजे को आसाम से आजमगढ़, गाजीपुर, बनारस बेचा जाता था। आसाम में दिलीप और राकेश गैंग का संचालन कर रहे हैं जो पूर्वोत्तर राज्यों और भूटान से भी मादक पदार्थ लाकर अल्ताफ हुसैन व जाकिर हुसैन के जरिए तस्कर त्रिवेणी गुप्ता के पास भेजते हैं। एम्बुलेंस की चेकिंग नहीं होती है इसी कारण एम्बुलेंस से मादक पदार्थ की तस्करी कर रहे थे। तस्करी कर लाये गये गांजे को त्रिवेणी गुप्ता स्थानीय स्तर पर छोटे दुकानदारों को बेचता था। तस्करों से यह भी जानकारी मिली कि आसाम से गांजा पांच से सात हजार रुपये प्रति केजी के हिसाब से लाया जाता है। इसे लाकर दस से क्भ् हजार रुपये प्रति केजी बेचा जाता था।