JAMSHEDPUR: निजी स्कूलों की मनमानी सहित अन्य तमाम शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करना और उनको नजरअंदाज करना जिले के जिला शिक्षा अधीक्षक बांके बिहारी सिंह पर भारी पड़ गया। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने मामले की जांच के आदेश उपायुक्त को दिए हैं। उपायुक्त को लिखे पत्र में यह भी कहा गया है कि जांच शिक्षा विभाग से इतर किसी अन्य विभाग के वरीय पदाधिकारी से कराई जाए।

सचिव के पत्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि लोकहित में की जा रही शिकायतों को पूर्वी सिंहभूम के जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) बांके बिहारी सिंह अनसुना कर रहे हैं। शिकायतों को ठंडे बस्ते में डाल रहे हैं। यह रवैया एक प्रशासनिक पदाधिकारी का नहीं होना चाहिए। प्रधान सचिव ने उपायुक्त को आदेश दिया है कि वे डीएसई के खिलाफ किसी वरिष्ठ पदाधिकारी (गैर शिक्षा विभाग) से जांच कराएं।

प्रधान सचिव ने यह आदेश स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के पूर्व निर्देश, आरटीई अधिनियम, संबंधित बोडरें एवं झारखण्ड शिक्षा न्यायाधिकरण के निर्देशों के आलोक में देते हुए कहा है कि अविलंब जिला स्तरीय समिति का गठन करते हुए इसकी सूचना विभाग को उपलब्ध कराया जाये।

जांच के दौरान शिकायतकर्ता को भी मिलेगा पक्ष रखने का मौका

जिला शिक्षा अधीक्षक के खिलाफ जांच के दौेरान शिकायतकर्ता को भी अपना पक्ष रखने के लिए मौका देने का आदेश उपायुक्त को मिले पत्र में दिया गया है। विगत 17 अप्रैल को भाजपा नेता अंकित आनंद की शिकायत मिलते ही 24 घंटे के भीतर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव ने यह निर्देश जारी किया। प्रधान सचिव द्वारा भेजे गए पत्र में स्कूलों की मनमानी रोकने को जिला स्तर पर एक समिति बनाने का निर्देश दिया गया है ताकि इसके जरिए फीस वृद्धि पर अंकुश लगाया जा सके।

पीएमओ के पत्र का भी नहीं दिया जवाब

जिला शिक्षा अधीक्षक से निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर विगत अक्टूबर से लेकर फरवरी तक एक दर्जन से अधिक बार शिकायत की गई। शिकायतकर्ता अंकित आनंद का आरोप है कि अक्टूबर-नवंबर में निजी स्कूलों में फीस वृद्धि व अन्य मनमानी की शिकायतों पर संज्ञान नहीं लिए जाने पर प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय व राजभवन से शिकायत की गई। पीएमओ की ओर से मामले को लेकर नियमानुसार राज्य सरकार को लिखा गया। वहां से उपायुक्त होते हुए शिक्षा विभाग तक पत्र पहुंचा। इसके बावजूद डीएसई ने गंभीरता नहीं दिखाई।

की गई शिकायतें

जिला शिक्षा अधीक्षक से निजी स्कूलों की ओर से मनमाने तरीके से फीस बढ़ोत्तरी रोकने की मांग की गई। इसके अलावा डीएवी बिष्टुपुर में दो तरह के फीस संरचना व बिष्टुपुर स्थित सेंट मेरीज इंग्लिश स्कूल के अल्पसंख्यक दर्जा का प्रमाणपत्र के बारे में जानकारी मांगी गई थी। संज्ञान नहीं लिए जाने पर सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत भी मांगी गई जानकारी भी विभाग की ओर से नहीं दी गई।