JAMSHEDPUR : बागबेड़ा क्षेत्र में फैले डायरिया का कहर थमने का नाम नही ले रहा है। डायरिया की वजह से शुक्रवार को दो और मरीजों की मौत हो गई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम के साथ-साथ पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की टीम भी शुक्रवार को पहुंची। हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा लगाए गए कैंप्स में जांच के दौरान क्0 और पेशेंट्स में डायरिया के लक्षण्ा पाए गए।

तीन जगहों पर लगा कैंप

डायरिया के प्रकोप को देखते हुए शुक्रवार को भी हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा बागबेड़ा क्षेत्र में कैंप लगाया गया। डॉ पीके साहू ने बताया की ग्वाला बस्ती, हरहरगुट्टू काली मंदिर और रानीडीह में लगाए गए कैंप के दौरान करीब ख्भ्0 पेशेंट्स की जांच की गई। इनमें से हरहरगुट्टू में ब् और रानीडीह में म् डायरिया के पेशेंट मिले। उन्होंने बताया की की शनिवार को जटा झोपड़ी और रानीडीह फिल्टर प्लांट के पास कैंप लगाया जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया की लोगो के बीच अवेयरनेस फैलाने के लिए शनिवार से अनाउंसमेंट भी करवाया जाएगा। जिसमें लोगो की स्वच्छ पानी पीने, बासी खाना ना खाने के साथ-साथ किसी भी तरह की बीमारी होने पर फौरन डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाएगी।

पानी का लिया गया सैंपल

पानी की जांच के लिए शुक्रवार को बागबेड़ा पहुंची पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की टीम द्वारा जांच के लिए पानी के सैंपल लिए गए। टीम में शामिल पर्यावरण एवं जल गुणवत्ता विशेषज्ञ सुनंदा ने बताया की पांच जगहों से कुंए और नल से पानी के सैंपल लिए गए। उन्होंने कहा की इन सैंपल्स को बैक्ट्रिया की जांच के लिए रांची भेजा जाएगा।

डायरिया के साथ मलेरिया और जेई का भी प्रकोप

बागबेड़ा क्षेत्र में सिर्फ डायरिया ही नही बल्कि मलेरिया और जापानी इंसेफ्लाइटिस का भी प्रकोप फैल रहा है। सुनंदा ने बताया की पीयूष मुखी नाम के बच्चे की मौत मलेरिया और जेई के वजह से हुई है। उन्होंने कहा की टीएमएच से बच्चे की रिपोर्ट आई है, जिसमें इस बात की पुष्टि हुई है। उन्होंने इसकी वजह सुअर की वजह से फैलने वाले कीटाणुओं को बताया। सुनंदा ने बताया की क्षेत्र में काफी गंदगी है, जो इस तरह की बीमारियों की वजह बन रही है।