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लाख 80 हजार लोगों की हर साल टीबी से मौत होती है
30
प्रतिशत लोग सूबे में टीबी की बीमारी से अफेक्टेड हैं
40
प्रतिशत मरीज की पहचान करने का लक्ष्य यूपी को मिला है
24
महीने चलता है नई बीमारी एमडीआर के मरीजों का इलाज
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जिलों में एक्टिव केस फाइंडिंग योजना शुरू की गई थी
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जिले अब सेलेक्ट हुए हैं, जिनमें इलाहाबाद भी शामिल है
सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में प्रति सौ में से तीस मिले हैं अफेक्टेड
prakashmani.tripathi@inext.co.in
ALLAHABAD: सिटी में तेजी से हो रहे कंस्ट्रक्शन वर्क के कारण प्रदूषण काफी बढ़ गया है। इसके कारण टीबी के मरीज की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है। ये हम नहीं स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट कह रही है। टीबी के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष प्रोग्राम का आगाज किया जा रहा है। इसमें टीबी के मरीजों की पहचान कर उनके पूरे इलाज का लक्ष्य रखा गया है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ। ऋषि सहाय ने बताया कि प्रधानमंत्री ने टीबी मुक्त भारत के लिए अभियान चलाने का संकल्प लिया है।
अब नई बीमारी पर है सबकी नजर
देश के कुल मरीजों के 40 प्रतिशत की पहचान कर बीमारी खत्म करने का लक्ष्य सूबे को दिया गया है। पिछले वर्षो में टीबी एक नए रूप में सामने आयी है। इसे एमडीआर कहते हैं। इसका इलाज कुल 24 महीने चलता है। इलाहाबाद में अब तक इसके 323 मरीज पहचाने गए हैं। टीबी के बाद एमडीआर और इससे एडवांस स्टेज एक्सटीआर काफी खतरनाक है। इसके पेसेंट जिले में कुल 35 है। स्वास्थ्य विभाग के सर्वे के अनुसार सूबे में कुल 30 प्रतिशत लोग टीबी की बीमारी से अफेक्टेड हैं। इसे देखते हुए एक्टीव केस फाइडिंग योजना शुरू की जा रही है। पहले फेज में छह जिलों का चयन किया गया था। उसकी सफलता के बाद इसे 22 जिलों में शुरू किया जा रहा है, जिसमें इलाहाबाद भी शामिल है।
जिले में टीबी के मरीजों की स्थिति और इलाज के उपाय
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लाख 60 हजार लोग इलाहाबाद में अफेक्टेड पाए गए हैं
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हजार 500 है जिले में टीबी के मरीजों की संख्या
323
एमडीआर से ग्रसित मरीजों की पहचान हुई है
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मरीज खतरनाक स्टेज एक्सटीआर के मिले हैं
250 टीमों का गठन किया जा रहा है जिले में मरीजों के इलाज के लिए
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मेंबर्स होंगे एक टीम में, मरीजों की जांच के साथ देंगे दवा
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टीमों टीमों पर एक सुपरवाइजर की होगी तैनाती
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घंटे के अंदर शिनाख्त के बाद मरीज का शुरू हो जाएगा इलाज
2025 तक टीबी को 80 प्रतिशत खत्म करने का लक्ष्य है। 2030 तक टीबी को देश से पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
डॉ। ऋषि सहाय, जिला क्षय रोग अधिकारी