चुनाव में लगे वाहनों को E-payment करने का निर्णय

Zonal-sector magistrate का भुगतान भी E-transaction से होगा

ALLAHABAD: चुनाव में हायर किए गए वाहनों के किराए का भुगतान अब कैश में नही होगा। इस बार आयोग ने ट्रांजेक्शन ट्रांसपैरेंसी का लागू करते हुए ई पेमेंट का नियम बना दिया है। इससे कमीशनखोरों में हड़कंप मच गया है। इसके अलावा जोनल-सेक्टर मजिस्ट्रेट सहित पेट्रोल-डीजल का भुगतान भी सीधे खाते में किया जाएगा। इसके लिए जिला निर्वाचन कार्यालय ने संबंधितों से बैंक पासबुक मांगी है।

दस मार्च से पहले दें पासबुक

विधानसभा चुनाव में 1034 हैवी और 581 लाइट वेहिकल लगाए गए थे। इन्हें कई एजेंसियों से किराए पर हायर किया गया था। पिछले चुनावों तक इनका भुगतान कैश में होता था, लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने ई पेमेंट की फैसिलिटी दी है। जिला निर्वाचन कार्यालय ने वाहन मालिकों से किराए के भुगतान के लिए दस मार्च से पहले लाग बुक के साथ बैंक खाते की पासबुक की छायाप्रति मांगी है। इसे मुंडेरा स्थित आरटीओ कार्यालय में जमा कराना होगा। इसके बाद डाक्यूमेंट जमा कराने वालों के भुगतान पर रोक लग सकती है।

Transaction में Transparency

पिछले चुनावों तक कैश भुगतान होता था। इसे लेकर कमीशनखोर सक्रिय रहते थे। इससे भुगतान में जिला प्रशासन को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इस बार चुनाव में वाहनों में खर्च होने वाले पेट्रोल-डीजल का भुगतान भी सीधे बैंक खाते में किया जाना है। और तो और सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेट का मानदेय भी ऑनलाइन ही दिया जाएगा। चुनाव आयोग के इस बदलाव को प्रशासन की सराहना मिल रही है। बता दें कि चुनाव में 36 सेक्टर और 12 जोनल मजिस्ट्रेट लगाए गए थे। उम्मीद है कि बाकी भुगतान भी आयोग ई पेमेंट के जरिए ही किया जा सकता है।

22 दिन में करना है भुगतान

यह भी बता दें कि 31 मार्च को फाइनेंशियल ईयर की क्लोजिंग हो जाएगी। इसे देखते हुए प्रशासन के कान खड़े हो गए हैं। अगर बाइस दिन के भीतर भुगतान नहीं किया तो पैसा सरेंडर हो जाएगा और सरकार को पेमेंट नहीं किए जाने का कारण भी बताना होगा। प्रशासन इस परेशानी से बचना चाहता है। यही कारण है कि चुनाव से जुड़े भुगतान प्राथमिकता से किए जा रहे हैं।

वाहन मालिकों को बता दिया गया है। उनको अपने बैंक की पासबुक की छाया प्रति देनी होगी। इस बार पैसा सीधे खाते में जाएगा। इसकी वजह से पेमेंट करने में प्रशासन को आसानी होगी।

महेंद्र कुमार राय, एडीएम, इलेक्शन