- एक चाइनीज लाइट के दाम में जलेंगे 10 दर्जन से ज्यादा दीये

- नहीं होगा बिजली पर होने वाला खर्च, दीये जलाने से होती है पैसों की बचत

- एक साल की लाइट के खर्च में 50 साल तक जलाए जा सकते हैं दीये

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : दीपावली की पहचान दीपों से है। अब बदलाव का दौर है तो भले ही उनकी जगह इलेक्ट्रानिक झालरें और लाइट्स यूज होती हों, लेकिन दीयों का मुकाबला वे कभी नहीं कर सकते। इसकी अपनी वाजिब वजहें हैं। परंपराओं को संजोए दीये न केवल इलेक्ट्रानिक आइटम्स के मुकाबले सस्ते हैं, बल्कि इनसे बिजली की बचत भी होती है। दीयों से सिर्फ घर रोशन ही नहीं होते, बल्कि इस मौसम में उड़ने वाले कीट-पतंगे भी उसी दीये में जल जाते हैं और लोगों को उससे भी राहत मिलती है।

'इलेक्ट्रानिक झालर' से कई गुना सस्ते हैं दीये

इलेक्ट्रानिक झालर और लाइट्स पर आने वाले खर्च के मुकाबले दीयों में काफी बचत हो जाती है। झालर की बात करें तो एक राकेट झालर की कीमत मार्केट में 135 से 150 रुपए के बीच है। मार्केट एक्सपर्ट मनोज की मानें तो घर में अगर सजावट करनी है तो सिर्फ घर के बाहर सजाने में कम से कम 50 झालर का यूज करना पड़ेगा। इस तरह अगर इसपर होने वाले टोटल खर्च को कैलकुलेट करें तो साढ़े सात हजार रुपए सिर्फ बाहर की सजावट पर खर्च करने पड़ेंगे। वहीं अगर दीये से घर की सजावट करनी हो तो महज 100 दीयों में ही काम चल जाएगा, जिनकी मार्केट में कीमत 80 रुपए हैं, जबकि अगर थोक में लिया जाए तो यह आंकड़ा और नीचे चला जाएगा। वहीं एक पाव तेल और बत्ती के साथ दीयों का टोटल बजट बमुश्किल 150 होगा। इस तरह एक लाइट की कीमत में 10 दर्जन से ज्यादा दीये रोशन हो सकते हैं।

एक साल लाइट या 50 साल दीये, फैसला आपका

आकड़ों के खेल में भी दीये का सौदा इलेक्ट्रॉनिक लाइट्स से काफी सस्ता है। वह इसलिए कि एक साल की लाइट में करीब 7500 रुपए खर्च हो जाते हैं, वहीं दीयों में महज 150 रुपए ही खर्च करने पड़ते हैं। इस तरह अगर दोनों के बीच कॉम्पेरीजन किया जाए तो एक साल में खरीदी जाने वाली लाइट्स के खर्च में पूरे 50 साल तक दीये जलाए जा सकते हैं। इससे एक ओर खर्च की जाने वाली एक्स्ट्रा बिजली की बचत होगी, दूसरी ओर पैसों की भी काफी बचत होगी।

मेहनत से बचना चाहती है यंग जनरेशन

दीयों का फायदा यूं तो सभी को मालूम है, लेकिन दीये बनाने और उसको सजाने में काफी वक्त लग जाता है। शायद यही वजह है कि दिन ब दिन हम कल्चर और ट्रेडिशन से दूर होते चले जा रहे हैं। जाफरा बाजार के रहने वाले जेपी नारायण की मानें तो आज की जनरेशन के पास वक्त की कमी है और वह मेहनत से कतरा रही है। दीये को बनाने में थोड़ा मेहनत करनी पड़ती है, वहीं झालर और लाइट्स को टांगने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। वक्त की कमी और मेहनत कम होने की वजह से लोग इसका यूज कर रहे हैं।

झालर के रेट्स -

राकेट झालर - 135 से 150 रुपए

बाल झालर - 110 से 140 रुपए

एलईडी झालर - 40 से 250 रुपए

दीये के रेट्स -

मिट्टी के दीये - 80-90 रुपए (फुटकर)

मिट्टी के दीये - 50-60 रुपए (थोक)

बत्ती - 10 रुपए (100 पीस)

तेल - 50 रुपए (आधा किलो)