चुनाव आयोग की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया, 'आयोग के खिलाफ खुर्शीद के रुख में आए बदलाव को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि आगे इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.'

गौरतलब है कि खुर्शीद ने लेटर लिखकर आयोग से खेद जताया था. उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्ग के अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण संबंधी बयान पर उन्हें खेद है. चुनाव आयोग ने अल्पसंख्यकों के लिए नौ प्रतिशत आरक्षण से संबंधित बयान देने के लिए खुर्शीद को चेतावनी दी थी. लेकिन जब खुर्शीद अपने बयान पर कायम रहे और उन्होंने कहा कि वह इसके लिए फांसी पर भी चढ़ने को तैयार हैं, तो आयोग ने उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील को लेटर लिखा. राष्ट्रपति ने आयोग का लेटर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास भेज दिया था.

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