- बाजार में बिक्री के लिए करीब 1200 वैराइटी की पिचकारियां

- चाइनीज पिचकारी का कब्जा, टंकी और पिचकारा के खरीददार नहीं

KANPUR : होली पर जरा बचकर रहिएगा, होरियारे हाथ में एके-56 और राकेट लांचर लेकर रंग डालने को तैयार हैं। जरा सा ट्रिगर दबा नहीं कि आप रंग में सराबोर हो जाएंगे। यहीं नहीं भेष बदलने के लिए वे ढाढ़ी-मूंछ भी लगाए है।

जी हां होली पर रंग खेलने की जबरदस्त तैयारी की गई है। बाजार में तरह-तरह के आकार में पिचकारी बिक रही है। जिसमें वाटर टैंक से लेकर रैम्बो गन तक है। इनमें रंग भरने छोटी-छोटी पिस्टल तो करीब डेढ़ दर्जन तरह की है। मेस्टन रोड पर पिछले 30 साल से पिचकारी बेचने वाले खालिद मजीद कहते हों कि बच्चों की नजर किस पिचकारी पर टिक जाए कहा नहीं जा सकता है। करीब 1200 वैराइटियों की पिचकारियां बाजार में बिक रही है।

पिचकारी बाजार पर चाइना का कब्जा

मार्केट में जितनी भी पिचकारी बिक रही हैं। वह सब चाइना मेड हैं। एक भी पिचकारी अपने देश की नहीं है। दुकानदारों का कहना है कि चाइनीज पिचकारी डिजाइन में भी आकर्षक है और कीमत भी ज्यादा न होने से अब यही पिचकारियां बिक रही हैं।

गुजरा हुआ जमाना आता नहीं दोबारा

कभी होली पर प्रेशर टंकी और बड़े-बड़े पीतल के पिचकारे की धार एक बार में ही ऊपर से लेकर नीचे तक रंग से नहला देती थी, लेकिन अब वो समय चला गया। न प्रेशर टंकियां बिक रही हैं और न ही पिचकारे। हालांकि हटिया बर्तन बाजार में कई दुकानदार अपनी दुकान में बिक्री के लिए रखें हैं। शायद ही कोई भूला बिसरा कस्टमर खरीद ले तो बात अलग लेकिन कुल मिलाकर इसकी बिक्री अतीत की बात हो गई है। दुकानदार जयप्रकाश गुप्ता बताते हों कि दुकान में सिर्फ वैराइटी के लिए टंकी और पिचकारी रखें हैं, इनकी बिक्री विक्री कुछ नहीं हो रही है।

सजावट का सामान भी

सिर्फ पिचकारी ही नहीं और भी बहुत कुछ है होली के बाजार में। चेहरे पर लगाने के लिए ढाढ़ी-मूंछ, गोल्डेन व ब्राउन कलर की बिग के अलावा तरह-तरह के मास्क भी बिक रह हों। यहीं नहीं राजस्थानी पगड़ी की भी बिक्री हो रही है। दुकानदार नायाब अहमद ने बताया कि अब होली पर हर साल नए-नए आइटम आ रहे हैं। बच्चे इसे खूब पसंद करते हैं।

- चाइनीज पिचकारी की कीमत- 15 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक

- देशी पिचकारी की कीमत - 150 रुपए से कर 700 रुपए तक